लालजी टंडन: Difference between revisions
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'''लालजी टंडन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lalji Tandon'', जन्म- [[12 अप्रॅल]], [[1935]]; मृत्यु- [[21 जुलाई]], [[2020]]) भारत के प्रसिद्ध तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक थे। वह [[लखनऊ]] से 15वीं लोक सभा ([[2009]]-[[2015]]) के सदस्य रहे। मूल रूप से [[उत्तर प्रदेश]] की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालजी टंडन प्रदेश की [[भाजपा]] सरकारों में मंत्री रहे। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के वह निकट सहयोगी थे। लालजी टंडन ने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी। | '''लालजी टंडन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lalji Tandon'', जन्म- [[12 अप्रॅल]], [[1935]]; मृत्यु- [[21 जुलाई]], [[2020]]) भारत के प्रसिद्ध तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक थे। वह [[लखनऊ]] से 15वीं लोक सभा ([[2009]]-[[2015]]) के सदस्य रहे। मूल रूप से [[उत्तर प्रदेश]] की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालजी टंडन प्रदेश की [[भाजपा]] सरकारों में मंत्री रहे। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के वह निकट सहयोगी थे। लालजी टंडन ने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी। | ||
==परिचय== | |||
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रॅल, 1935 को हुआ था। वह 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जाया करते थे। संघ से जुड़ाव के चलते ही उनकी मुलाकात [[अटल बिहारी वाजपेयी]] से हुई थी। बाद में जब अटलजी ने लखनऊ की सीट छोड़ी तो बतौर विरासत लालजी टंडन को यह सीट सौंपी गई। [[2009]] में लालजी टंडन ने लोकसभा चुनाव जीता और लखनऊ के सांसद बने। लालजी टंडन का राजनीतिक सफर [[1960]] से शुरू हुआ था। वे 2 बार पार्षद और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके बाद लगातार तीन बार विधायक भी रहे। वे [[कल्याण सिंह]] सरकार में मंत्री भी रहे थे। साथ ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। | |||
==मृत्यु== | |||
लालजी टंडन का निधन [[21 जुलाई]], [[2020]] को हुआ। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] ने ट्वीट किया- "लालजी टंडन समाज के लिए किए अपने कामों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। [[उत्तर प्रदेश]] में [[भाजपा]] को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक थे। कानूनों मामलों की उन्हें गहरी समझ थी। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के साथ वे लंबे समय तक और करीब से जुड़े रहे। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके [[परिवार]] के साथ हैं"।<ref>{{cite web |url=https://www.bhaskar.com/national/news/lalji-tandon-governor-of-madhya-pradesh-dies-son-tweeted-127535943.html |title=लालजी टंडन का 85 साल की उम्र में निधन|accessmonthday=21 जुलाई|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref> | |||
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Revision as of 04:31, 21 July 2020
thumb|200px|लालजी टंडन लालजी टंडन (अंग्रेज़ी: Lalji Tandon, जन्म- 12 अप्रॅल, 1935; मृत्यु- 21 जुलाई, 2020) भारत के प्रसिद्ध तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक थे। वह लखनऊ से 15वीं लोक सभा (2009-2015) के सदस्य रहे। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालजी टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में मंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी के वह निकट सहयोगी थे। लालजी टंडन ने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी।
परिचय
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रॅल, 1935 को हुआ था। वह 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जाया करते थे। संघ से जुड़ाव के चलते ही उनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई थी। बाद में जब अटलजी ने लखनऊ की सीट छोड़ी तो बतौर विरासत लालजी टंडन को यह सीट सौंपी गई। 2009 में लालजी टंडन ने लोकसभा चुनाव जीता और लखनऊ के सांसद बने। लालजी टंडन का राजनीतिक सफर 1960 से शुरू हुआ था। वे 2 बार पार्षद और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके बाद लगातार तीन बार विधायक भी रहे। वे कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे थे। साथ ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
मृत्यु
लालजी टंडन का निधन 21 जुलाई, 2020 को हुआ। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- "लालजी टंडन समाज के लिए किए अपने कामों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक थे। कानूनों मामलों की उन्हें गहरी समझ थी। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ वे लंबे समय तक और करीब से जुड़े रहे। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं"।[1]
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि- "लालजी टंडन का राजनीति में जितना ऊंचा कद था, उतना ही वे लखनऊ में सांस्कृतिक रूप से भी सक्रिय थे"।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि- "मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल रहे श्री लालजी टंडन जी के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ। उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। वे लखनऊ के प्राण थे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति हेतु प्रार्थना करता हूँ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं"।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लालजी टंडन का 85 साल की उम्र में निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 21 जुलाई, 2020।
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