टोटम: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
'मोरी' नामक भील गुट का टोटम [[मोर]] था। इसके सदस्यों को मोर के पद-चिह्नों पर पैर डालना मना था। अगर कहीं मोर दिख जाए तो मोरी स्त्रियाँ उस से पर्दा कर लेती थीं या फिर दूसरी तरफ़ मुंह कर लेती थीं। | 'मोरी' नामक भील गुट का टोटम [[मोर]] था। इसके सदस्यों को मोर के पद-चिह्नों पर पैर डालना मना था। अगर कहीं मोर दिख जाए तो मोरी स्त्रियाँ उस से पर्दा कर लेती थीं या फिर दूसरी तरफ़ मुंह कर लेती थीं। | ||
==प्रकार== | |||
#[[गोत्र टोटम]] | |||
#[[पितृवंशीय टोटम]] | |||
#[[मातृवंशीय टोटम]] | |||
#[[व्यक्तिगत टोटम]] | |||
#[[लिंग टोटम]] | |||
#[[विभक्त टोटम]] | |||
#[[बहुसंख्यक टोटम]] | |||
#[[गर्भधारण टोटम]] | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 08:47, 30 May 2021
thumb|250px|टोटम 'टोटम' (अंग्रेज़ी: Totem) किसी समाज के उस विश्वास को कहतें हैं, जिसमें मनुष्यों का किसी जानवर, वृक्ष, पौधे या अन्य आत्मा से सम्बन्ध माना जाए। भारत के राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा झारखण्ड राज्यों में पाई जाने वाली आदिवासी जनजातियों में भी टोटम की पूजा की जाती है। भील जनजाति में टोटम मुख्य रूप से पूजे जाते हैं। वे इसे अपना कुलदेवता मानते हैं।
शब्द व अर्थ
'टोटम' शब्द ओजिब्वे (Ojibwe) नामक मूल अमेरिकी आदिवासी क़बीले की भाषा के 'ओतोतेमन' (ototeman) से लिया गया है, जिसका मतलब 'अपना भाई/बहन रिश्तेदार' है। इसका मूल शब्द 'ओते' (ote) है जिसका अर्थ एक ही माँ के जन्में भाई-बहन हैं जिनमें ख़ून का रिश्ता है और जो एक-दूसरे से विवाह नहीं कर सकते।
विशेष तथ्य
अक्सर टोटम वाले जानवर या वृक्ष का उसे मानने वाले क़बीले के साथ विशेष सम्बन्ध माना जाता है और उसे मारना या हानि पहुँचाना वर्जित होता है या फिर उसे किसी विशेष अवसर पर या विशेष विधि से ही मारा जा सकता है। कबीले के लोग अक्सर उसे क़बीले की चिह्नों में भी शामिल कर लेते हैं, मसलन मूल अमेरिकी आदिवासी अक्सर टोटम खम्बों में इन्हें प्रदर्शित करते थे।
भारत में टोटम
भारत के बहुत-से समुदायों में भी ऐसे टोटम पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए देखा गया है कि महाराष्ट्र में 'ताम्बे' का पारिवारिक नाम रखने वाले लोग नाग को अपना कुलदेवता मानते हैं और कभी भी नाग नहीं मारते। 19वीं सदी में सतपुड़ा के जंगलों में रहने वाले भील लोगों में देखा गया के हर गुट का एक टोटम जानवर या वृक्ष था, जैसे कि पतंगे, सांप, शेर, मोर, बांस, पीपल, वग़ैराह। एक गुट का टोटम 'गावला' नाम की एक लता थी, जिस पर अगर उस गुट के किसी सदस्य का ग़लती से पैर पड़ जाए तो वह उसको सलाम करके उस से क्षमा-याचना करता था। अगर दो गुटों का एक ही टोटम हो तो उनमें आपस में विवाह करना वर्जित था क्योंकि वह एक ही पूर्वज के वंशज माने जाते थे।
'मोरी' नामक भील गुट का टोटम मोर था। इसके सदस्यों को मोर के पद-चिह्नों पर पैर डालना मना था। अगर कहीं मोर दिख जाए तो मोरी स्त्रियाँ उस से पर्दा कर लेती थीं या फिर दूसरी तरफ़ मुंह कर लेती थीं।
प्रकार
- गोत्र टोटम
- पितृवंशीय टोटम
- मातृवंशीय टोटम
- व्यक्तिगत टोटम
- लिंग टोटम
- विभक्त टोटम
- बहुसंख्यक टोटम
- गर्भधारण टोटम
|
|
|
|
|