पी. बी. गजेन्द्रगडकर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 43: Line 43:
*इनके [[पिता]] बाल-आचार्य शिक्षक थे और [[संस्कृत]] विद्वान थे। बाल-आचार्य के सबसे छोटे पुत्र पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने परिवार के नाम गजेंद्र-गडकर नाम की ख्याति फैलाई।
*इनके [[पिता]] बाल-आचार्य शिक्षक थे और [[संस्कृत]] विद्वान थे। बाल-आचार्य के सबसे छोटे पुत्र पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने परिवार के नाम गजेंद्र-गडकर नाम की ख्याति फैलाई।
*सन [[1924]] में डेक्कन कॉलेज ([[पुणे]]) से पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने एम.ए. और एल.एल.बी. [[1926]] में आईएलएस लॉ कॉलेज से की और अपीलीय पक्ष में बम्बई बार में शामिल हो गए।
*सन [[1924]] में डेक्कन कॉलेज ([[पुणे]]) से पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने एम.ए. और एल.एल.बी. [[1926]] में आईएलएस लॉ कॉलेज से की और अपीलीय पक्ष में बम्बई बार में शामिल हो गए।
*सन [[1945]] में उन्हें बम्बई उच्च न्यायालय का जज नियुक्त किया गया। [[जनवरी]] [[1956]] में पी. बी. गजेन्द्रगडकर को [[सर्वोच्च न्यायालय]] की बेंच में पदोन्नत किया गया और [[1964]] में [[भारत के मुख्य न्यायाधीश]] बने।
*सन [[1945]] में उन्हें [[बम्बई उच्च न्यायालय]] का जज नियुक्त किया गया। [[जनवरी]] [[1956]] में पी. बी. गजेन्द्रगडकर को [[सर्वोच्च न्यायालय]] की बेंच में पदोन्नत किया गया और [[1964]] में [[भारत के मुख्य न्यायाधीश]] बने।
*[[भारत सरकार]] के अनुरोध पर पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग और बैंक पुरस्कार आयोग जैसे कई आयोगों का नेतृत्व किया।  
*[[भारत सरकार]] के अनुरोध पर पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग और बैंक पुरस्कार आयोग जैसे कई आयोगों का नेतृत्व किया।  
*भारत की तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गांधी]] के अनुरोध पर उन्होंने [[दक्षिण भारत]] में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के मानद कार्यालय का आयोजन किया।
*भारत की तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गांधी]] के अनुरोध पर उन्होंने [[दक्षिण भारत]] में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के मानद कार्यालय का आयोजन किया।

Revision as of 05:46, 1 September 2022

पी. बी. गजेन्द्रगडकर
पूरा नाम प्रह्लाद बालाचार्य गजेन्द्रगडकर
जन्म 16 मार्च, 1901
जन्म भूमि सतारा, बम्बई (आज़ादी पूर्व)
मृत्यु 12 जून, 1981
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
अभिभावक पिता- गजेन्द्रगडकर बालाचार्य
संतान सात
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि न्यायाधीश
पद मुख्य न्यायाधीश, भारत- 1 फ़रवरी, 1964 से 15 मार्च, 1966 तक
संबंधित लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय
पूर्वाधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा
उत्तराधिकारी अमल कुमार सरकार

प्रह्लाद बालाचार्य गजेन्द्रगडकर (अंग्रेज़ी: P. B. Gajendragadkar, जन्म- 16 मार्च, 1901; मृत्यु- 12 जून, 1981) भारत के भूतपूर्व सातवें मुख्य न्यायाधीश थे। वह 1 फ़रवरी, 1964 से 15 मार्च, 1966 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहे। संवैधानिक और औद्योगिक कानून के विकास में पी. बी. गजेन्द्रगडकर के योगदान को महान और अद्वितीय माना गया है।

  • प्रह्लाद बालाचार्य गजेन्द्रगडकर का जन्म सन 1901 में बंबई प्रेसीडेंसी के सतारा में गजेन्द्रगडकर बालाचार्य के घर देशस्थ माधव ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • इनके पिता बाल-आचार्य शिक्षक थे और संस्कृत विद्वान थे। बाल-आचार्य के सबसे छोटे पुत्र पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने परिवार के नाम गजेंद्र-गडकर नाम की ख्याति फैलाई।
  • सन 1924 में डेक्कन कॉलेज (पुणे) से पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने एम.ए. और एल.एल.बी. 1926 में आईएलएस लॉ कॉलेज से की और अपीलीय पक्ष में बम्बई बार में शामिल हो गए।
  • सन 1945 में उन्हें बम्बई उच्च न्यायालय का जज नियुक्त किया गया। जनवरी 1956 में पी. बी. गजेन्द्रगडकर को सर्वोच्च न्यायालय की बेंच में पदोन्नत किया गया और 1964 में भारत के मुख्य न्यायाधीश बने।
  • भारत सरकार के अनुरोध पर पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग और बैंक पुरस्कार आयोग जैसे कई आयोगों का नेतृत्व किया।
  • भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने दक्षिण भारत में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के मानद कार्यालय का आयोजन किया।
  • पी. बी. गजेन्द्रगडकर ने दो बार सामाजिक सुधार सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और राष्ट्रीय एकता और एकता को बढ़ावा देने के लिए जातिवाद, अस्पृश्यता, अंधविश्वास और अश्लीलता की बुराइयों के उन्मूलन के लिए अभियान चलाये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख