काला रंग: Difference between revisions
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Revision as of 08:57, 14 October 2010
शनिदेव को काला रंग प्रिय है। रंग वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) का सारा प्रकाश काला रंग सोख लेता है। हमारी परंपरा में काले रंग को बहुत शुभ नहीं माना जाता। काले रंग को मृत्यु तथा शोक के साथ जोड़ा जाता है। प्राचीन मिस्त्र में काला रंग जीवन और पुनर्जन्म का प्रतिनिधित्व करता रहा है।[1]
धार्मिक मान्यता
- काला रंग तमस का कारक है। शनि प्राणियों के मन के तमस और मैल को दूर करके उसके भीतर ज्ञान का उजाला फैलाते हैं। इसलिए तमस का शमन अनिवार्य है।[2]
- काला रंग काली को प्रिय है। काले वस्त्रों को धारण करने वाली मां असुरों दुर्गुणों का नाश करती हैं।
- प्राचीन भारत में कन्नौज के पश्चिम का प्रदेश श्याम कहलाता था। वृद्धदारक, पीलू का पेड, दौने का पौधा, गंधतृण, श्यामक, सावां चावल, धतूरा, कालीमिर्च और समुद्री नमक को भी श्याम कहते हैं।
- शिव का विशेषण, नीलकंठ पक्षी, मोर को श्यामकंठ कहा है। श्याम अंग का अर्थ काला है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रंगों में बिखरा रंग-बिरंगा जीवन पत्रिका। अभिगमन तिथि: 11, सितम्बर।
- ↑ जिंदल, मीता। देवताओं के प्रिय रंग जागरण याहू इंडिया। अभिगमन तिथि: 28, जुलाई।
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