दियासलाई उद्योग

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thumb|250px|दियासलाई दियासलाई उद्योग प्रमुख कुटीर उद्योगों में से एक है, जो पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश तथा केरल राज्यों में किया जाता है।

दियासलाई का निर्माण

दियासलाई का निर्माण भारत में 1895 ई. से आरंभ हुआ। पहला कारख़ाना अहमदाबाद में और फिर 1909 ई. में कलकत्ता में खुला था। लगभग 200 छोटे बड़े कारखाने काम कर रहे हैं। 1921 ई. तक शलाका और बक्स की लकड़ियाँ प्रयुक्त होने लगीं। स्वीडन की एक मैच मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने भारत में दियासलाई निर्माण का एक कारख़ाना खोला। यह कंपनी 'वेस्टर्न इंडिया मैच कंपनी' के नाम से कार्य कर रही है। इसके अधिकांश शेयरधारी अब भारतीय हैं। 1826 ई. में भारत सरकार ने दियासलाई के कारखानों को संरक्षण दिया, पर साथ ही उत्पादन शुल्क भी लगा दिया है। 40, 60 और 80 शलाकाओं वाले बक्सों के प्रति गुरुस बक्स पर क्रमश: एक, डेढ़ और दो रुपए उत्पादन शुल्क लगता है। फिर भारत सरकार ने दियासलाई का मूल्य भी निर्धारित कर दिया ताकि उसका मूल्य बाज़ारों में न बढ़े और उसकी चोर बाज़ारी न हो। भारत में केवल पाँच ही कारखाने ऐसे हैं जिनका समस्त कार्य मशीनों से होता है। शेष कारखानें या तो आधे मशीनवाले हैं अथवा उनमें केवल हाथों से काम होता है।


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