अपभ्रंश चित्रकला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:39, 24 January 2011 by फ़ौज़िया ख़ान (talk | contribs) ('*अपभ्रंश शैली पश्चिम भारत में विकसित लघु चित्रों क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • अपभ्रंश शैली पश्चिम भारत में विकसित लघु चित्रों की चित्रकला शैली थी।
  • अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में कागज़ पर चित्रित हुई।
  • अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:- चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।
  • प्रारम्भ के चित्रों में जैन धर्म से सम्बंधित घटनाओं का चित्रण हुआ। परंतु बाद में वैष्णव धर्म से प्रभाबित चित्र बनाये गये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः