बैंगनी रंग

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:40, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search
  • रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। रंगो से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। हम अपने चारों तरफ अनेक प्रकार के रंगो से प्रभावित होते है। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं।
  • बैंगनी रंग एक सब्जी़ बैंगन के नाम पर रखा हुआ नाम है। अँग्रेजी़ में इसे वॉय्लेट (voilet) कहते हैं, जो कि इसी नाम के फूल से रखा है। इसकी तरंग दैर्घ्य 3800 Å से 4460 Å [1]होती है। जिसके बाद इंडिगो रंग होता है। यह प्रत्यक्ष वर्णचक्र के ऊपरी छोर पर स्थित होता है। यह वर्ण्क्रम के नीला एवं हरा रंग के बीच में, लगभग 380-450 nm के तरंग दैर्घ्य में मिलता है। सब्सट्रैक्टिव यानी व्यकलात्मक रंग में यह प्राथमिक रंग माना जाता है। इसकी आवृति 6.73 - 7.6 होती है।
रंग आवृति विस्तार तरंगदैर्ध्य विस्तार
बैंगनी 6.73 - 7.6 3800 Å से 4460 Å

रसायन

बैंगनी रंग में हाइड्रोजन, कैल्शियम, एल्यूमिनियम आदि गैसें होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (Å=10-10 m = 10-8 cm = 10-1nm (nanometre)

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः