यति
- यति एक प्राचीन कुल का नाम है, जिसका सम्बन्ध भृगुओं से ऋग्वेद के दो परिच्छेदों में बतलाया गया है (8.3.9;6.18)।
- ऋग्वेद में यति के लोग वास्तविक व्यक्ति जान पड़ते हैं। दूसरी ऋचा में (10.72.7) वे पौराणिक दीख पड़ते हैं। यजुर्वेद संहिता (तै. सं. 2.4, 9,2;6.2,7,5; का. सं. 8.5; 10.10 आदि) तथा अन्य स्थानों में यति एक जाति है, जिसे इन्द्र ने किसी बुरे क्षण में सालावृक (लकड़बग्घों) का खिला दिया था।
- यति का क्या अर्थ है, अभी तक किसी को ज्ञात नहीं है। यति का उल्लेख भृगु के साथ सामवेद में भी मिलता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (पुस्तक 'हिन्दू धर्मकोश') पृष्ठ संख्या-533