इंडियन होमरूल लीग

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:49, 2 September 2011 by आशा चौधरी (talk | contribs) ('बाल गंगाधर तिलक ने 1914-15 को संसदीय कार्यों की व्यावहा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

बाल गंगाधर तिलक ने 1914-15 को संसदीय कार्यों की व्यावहारिक शिक्षा हेतु मद्रास में 'पार्लियामेंट' की स्थापना की और बम्बई में कांग्रेस के नेताओं की बैठक आयोजित कर 'इंडियन होमरूल' के लिए आंदोलन करने को कहा। कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई तो तिलक ने स्वयं यह कार्य को अपने हाथ में लिया और 1916 में 'होमरूल लीग' की स्थापना की।

बाल गंगाधर तिलक ने

स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा - बाल गंगाधर तिलक

के नारे के साथ इंडियन होमरूल लीग की स्थापना की। सन 1916 ई. में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए तथा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुए 'ऐतिहासिक लखनऊ समझौते' पर हस्ताक्षर किए, जो उनके एवं पाकिस्तान के भावी संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के बीच हुआ था, 'इंडियन होमरूल लीग' के अध्यक्ष के रूप में तिलक सन 1918 में इंग्लैंड गए। उन्होंने महसूस किया कि ब्रिटेन की राजनीति में 'लेबर पार्टी' एक उदीयमान शक्ति है, इसलिए उन्होंने उसके नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध क़ायम किए। उनकी दूरदृष्टि सही साबित हुई। सन 1947 ई. में 'लेबर सरकार' ने ही भारत की स्वतंत्रता को मंज़ूरी दी। तिलक पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कहा था कि भारतीयों को विदेशी शासन के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए, इस बात से वह बराबर इंकार करते रहे कि उन्होंने हिंसा के प्रयोग को उकसाया।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः