Revision as of 10:51, 30 September 2011 by प्रीति चौधरी(talk | contribs)('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Rajesh-Joshi.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
चाँद से मेरी दोस्ती हरगिज़ न हुई होती
अगर रात जागने और सड़कों पर फ़ालतू भटकने की
लत न लग गई होती मुझे स्कूल के ही दिनों में
उसकी कई आदतें तो
तक़रीबन मुझसे मिलती-जुलती-सी हैं
मसलन वह भी अपनी कक्षा का एक बैक-बेंचर छात्र है
अध्यापक का चेहरा ब्लैक बोर्ड की ओर घुमा नहीं
कि दबे पाँव निकल भागे बाहर...