चीर घाट वृन्दावन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:59, 18 May 2010 by Govind (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search

[[चित्र:Cheer-Ghat-Vrindavan.jpg|चीर घाट, वृन्दावन
Cheer ghat, Vrindavan|thumb|250px]]

इस मन्दिर की परिक्रमा करने से श्री गिर्राज जी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूर्ण फल प्राप्त होता है । मन्दिर में श्रीराधावृन्दावन चन्द्र, श्रीराधादामोदरजी, श्रीराधामाधव जी और श्रीराधाछैल छिकन जी के विग्रह है । भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सनातन गोस्वामी को प्रदत्त शिला भी यहाँ है, जिस पर भगवान का दायाँ चरण चिन्ह, बांसुरी, लकुटी और गाय का खुर अंकित है । यहाँ जीव गोस्वामी जी एवं अन्य की समाधि भी है ।


वृन्दावन में यमुना के तट पर एक प्राचीन कदम्ब वृक्ष है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने कात्यायनी व्रत पालन हेतु यमुना में स्नान करती हुईं गोप-रमणियों के वस्त्र हरण किये थे। ये ब्रज कुमारियाँ प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त्त में श्री यमुना जी में स्नान करतीं और तट पर बालू से कात्यायनी (योगमाया) की मूर्ति बनाकर आराधना करती हुई यह मन्त्र उच्चारण करती थीं-

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी ।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नम:<balloon title="श्रीमद्भागवत 10/22/4" style=color:blue>*</balloon>॥

व्रत के अन्त में कृष्ण ने स्वयं वहाँ पधारकर वस्त्र हरण के बहाने उनको मनोभिलाषित वर प्रदान किया- अगली शरद पूर्णिमा की रात में तुम्हारी मनोभिलाषा पूर्ण होगी। शेरगढ के पास एक और चीरघाट तथा कदम्ब वृक्ष प्रसिद्ध है। कल्पभेद के अनुसार दोनों स्थान चीरघाट हो सकते हैं। इसमें कोई सन्देह की बात नहीं।

वीथिका

अन्य लिंक

Template:यमुना के घाट वृन्दावन

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः