पितृमेध या अन्त्यकर्म संस्कार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:46, 29 May 2010 by प्रिया (talk | contribs) ('*<u>हिन्दू धर्म संस्कारोंमें पि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • हिन्दू धर्म संस्कारोंमें पितृमेध या अन्त्यकर्म संस्कार षोदश संस्कार है।
  • यह अन्तिम संस्कार है।
  • मृत्यु के पश्चात् यह संस्कार किया जाता है।
  • इस संस्कार को पितृमेध, अन्त्कर्म, दाह-संस्कार, श्मशानकर्म तथा अन्त्येष्टि-क्रिया आदि भी कहते हैं।
  • यह संस्कार भी वेदमंत्रों के उच्चारण के द्वारा होता है।
  • हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद दाह-संस्कार करने का विधान है।
  • केवल संन्यासी-महात्माओं के लिए—निरग्रि होने के कारण शरीर छूट जाने पर भूमिसमाधि या जलसमाधि आदि देने का विधान है। कहीं-कहीं संन्यासी का भी दाह-संस्कार किया जाता है और उसमें कोई दोष नहीं माना जाता है।

ये वे सोलह संस्कार हैं, जो हिन्दू धर्म के मेरुदण्ड के समान हैं। पुस्तक-कल्याण संस्कार-अंक (जनवरी सन् 2006 ई0 से)

सम्बंधित लिंक

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः