त्रिविष्टप

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त्रिविष्टप को कुछ विद्वानों ने तिब्बत का ही प्राचीन भारतीय नाम माना है। तिब्बत 'त्रिविष्टप' का अपभ्रंश है। पौराणिक साहित्य में त्रिविष्टप नामक एक स्वर्ग का वर्णन है। संभव है इस कल्पना का प्राचीन तिब्बत देश से कुछ संबंध रहा हो।

  • तिब्बत प्राचीन काल से ही योगियों और सिद्धों का घर माना जाता रहा है तथा अपने पर्वतीय सौंदर्य के लिए भी यह प्रसिद्ध है।
  • संसार में सबसे अधिक ऊँचाई, समुद्र तल से 12 सहस्र फुट से भी अधिक, पर बसा हुआ प्रदेश भी तिब्बत ही है।
  • इस देश की उच्चता, दुरूहता एवं उसके शेष संसार से पृथक रहने के कारण तथा सिद्धों की पुण्य भूमि होने के नाते प्राचीन भारतीयों ने उसकी स्वर्ग के रूप में कल्पना कर ली हो तो कोई आश्चर्य नहीं है।
  • भगवान शिव का निवास कैलास पर ही माना जाता था, जो तिब्बत में ही स्थित है।
  • कालिदास ने कैलास और मानसरोवर के निकट बसी हुई 'अलकापुरी' का 'मेघदूत' में वर्णन किया है।
  • यह वर्णन भी स्वर्ग या किसी काल्पनिक सौंदर्य से मंडित देश के वर्णन के समान ही जान पड़ता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 418 |


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