रहिमन जग जीवन बड़े -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:23, 25 February 2016 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) ('<div class="bgrahimdv"> ‘रहिमन’ जग जीवन बड़े काहु न देखे नैन ।<br /> ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

‘रहिमन’ जग जीवन बड़े काहु न देखे नैन ।
जाय दशानन अछत ही, कपि लागे गथ लैन ॥

अर्थ

दुनिया में किसी को अपने जीते-जी बड़ाई नहीं मिली। रावण के रहते हुए बन्दरों ने लंका को लूट लिया। उसकी आँखों के सामने ही उसका सर्वस्व नष्ट हो गया।


left|50px|link=रहिमन छोटे नरन सों -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=रहिमन जो तुम कहत हो -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः