लक्ष्मण मंदिर, सिरपुर

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लक्ष्मण मंदिर (अंग्रेज़ी: Laxman Temple) छत्तीसगढ़ राज्य के सिरपुर में स्थित प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भारत में ईटों से निर्मित पहला मंदिर है। यह रायपुर से लगभग 90 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, जो छत्‍तीसगढ की राजधानी है। इसमें बारीक नक्‍काशी और कला का चित्रण है जो इस मंदिर को और आकर्षित बनाती है। ईटों से बना यह मंदिर, एक ऊंचे प्‍लेटफॉर्म पर और तीन प्रमुख भागों में बना हुआ है जिन्‍हें गर्भ गृह, अंतराल और मंडप कहा जाता है।

  • उत्तर-गुप्तकालीन कला की विशेषता जानने के लिए विशाल लक्ष्मण मन्दिर का तोरण 6'×6' है, जिस पर अनेक प्रकार की नक़्क़ाशी की गई हैं। इसके ऊपर शेषशायी विष्णु की सुन्दर प्रतिमा अवस्थित है।
  • विष्णु की नाभि से उद्भूत कमल पर ब्रह्मा आसीन हैं और विष्णु के चरणों में लक्ष्मी स्थित हैं। पास ही वाद्य ग्रहण किए हुए गंधर्व प्रदर्शित हैं।
  • तोरण लाल पत्थर का बना हुआ है।
  • मन्दिर के गर्भ गृह में लक्ष्मण की मूर्ति है। यह 26"×16" है। इसकी कटि में मेखला, गले में यज्ञोपवीत, कानों में कुण्डल और मस्तक पर जटाजूट शोभित है। यह मूर्ति एक पाँच फनों वाले सर्प पर आसीन है। जो शेषनाग का प्रतीक है।
  • मन्दिर मुख्यतः ईटों से निर्मित है। किन्तु उस पर जो शिल्प प्रदर्शित है उससे यह तथ्य बहुत आश्चर्यजनक जान पड़ता है क्योंकि ऐसी सूक्ष्म नक़्क़ाशी तो पत्थर पर भी कठिनाई से की जा सकती है।
  • शिखर तथा स्तम्भों पर जो बारीक़ काम है वह भारतीय शिल्पकला का अद्भूत उदाहरण है।
  • गुप्तकालीन भित्ती गवाक्ष इस मन्दिर की वेशेषता है। मन्दिर की ईटें 18"×8" हैं। इन पर जो सुकुमार तथा सूक्ष्म नक़्क़ाशी है वह भारत भर में बेजोड़ है।
  • ईटों के मन्दिर के गुप्त काल के वास्तु में बहुत सामान्य थे।
  • लक्ष्मण देवालय के निकट ही राम मन्दिर है किन्तु अब यह खण्डहर हो चुका है।


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