मौताणा प्रथा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 15:27, 23 May 2021 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''मौताणा प्रथा''' राजस्थान में चली आ रही पुरानी प्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

मौताणा प्रथा राजस्थान में चली आ रही पुरानी प्रथाओं में से एक है। यदि कोई बच्चा किसी खेत से होकर निकल रहा है और उसे सांप ने डस लिया तो हो सकता है कि उस बालक की मौत पर खेत के मालिक को भारी हजार्ना भरना पड़े। इसे 'मौताणा प्रथा' कहते हैं।

  • राजस्थान के आदिवासी इलाकों में आज भी एक प्रथा है ‘मौताणा’, जिसने अब तक हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है।
  • राजस्थान की अरावली पहाडि़यों से सटे उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही व पाली के आदिवासी इलाकों में रहने वाले आदिवासियों में इस प्रथा का सब से ज्यादा चलन है।[1]
  • इस प्रथा की शुरुआत तो सामाजिक इंसाफ के मकसद से हुई थी, जिसमें अगर किसी ने किसी शख्स की हत्या कर दी तो कुसूरवार को सजा के तौर पर हर्जाना देना पड़ता था, लेकिन अब दूसरी वजहों से हुई मौतों पर भी आदिवासी ‘मौताणा’ मांग लेते हैं।
  • पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि किसी भी वजह से हुई अपनों की मौत का कुसूर दूसरों पर मढ़ कर जबरन ‘मौताणा’ वसूल किया जाने लगा है।
  • दरअसल, जब मरने वाले का परिवार किसी को कुसूरवार मानकर उसे ‘मौताणा’ चुकाने के लिए मजबूर करता है तो आदिवासियों की अपनी अदालत लगती है। वहां पंच कुसूरवार को सफाई का मौका दिए बिना ही ‘मौताणा’ चुकाने का फरमान जारी कर देते हैं।
  • भुखमरी की मार झेल रहे आदिवासी परिवारों को लाखों रुपए का ‘मौताणा’ चुकाना पड़ता है, जिससे वे बरबाद हो जाते हैं।
  • इस प्रथा पर न पुलिस और न ही कानून का कोई जोर है। ये प्रथा पूरी तरह से पंचायतों के अधीन है। इस प्रथा में विवाद की वजह से कई बार अंतिम संस्कार नहीं होने पर लाशें सड़ भी जाती हैं।
  • गभर्वती महिला की किसी भी कारण से मौत हो जाने पर उसके पति से महिला के रिश्तेदार जुमार्ना वसूल कर सकते हैं। क्योंकि गर्भ ठहराने का वही जिम्मेदार है।
  • इस प्रथा में किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति की हत्या कर दी है तो जेल जाने के बजाय वह तय की गई जुमार्ना राशि अदा कर खुला घूम सकता है। मुआवजा न भरने पर घर भी जला दिया जा सकता है।
  • यदि पंचों की ओर से तय जुमार्ना अदा नहीं किया गया तो हो सकता है कि सामने वाला पक्ष आपके गांव पर हमला बोल दे। ऐसे मामलों में कई घरों को जला देने का उदाहरण है या किसी को गांव छोड़ने को मजबूर किया जा सकता है।
  • कई बार 'करे कोई भरे कोई' की तर्ज पर आरोपी के रिश्तेदारों को भी जुमार्ना भरना पड़ता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मौताणा, मौत से मुआवजे का खेल (हिंदी) sarita.in। अभिगमन तिथि: 23 मई, 2021।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः