देवगाँव की संधि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:40, 5 December 2010 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) ('*देवगाँव की संधि, 17 दिसम्बर 1803 ई. को रघुजी भोंसले और अ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • देवगाँव की संधि, 17 दिसम्बर 1803 ई. को रघुजी भोंसले और अंग्रेज़ों के बीच हुई।
  • द्वितीय मराठा युद्ध के दौरान आरगाँव की लड़ाई (नवम्बर 1803) में अंग्रेज़ों ने भोंसले को पराजित किया था, उसी के फलस्वरूप उक्त संधि हुई।
  • इसके अनुसार बरार के भोंसला राजा ने अंग्रेज़ों को कटक का प्रान्त दे दिया। जिसमें बालासोर के अलावा वरदा नदी के पश्चिम का समस्त भाग शामिल था।
  • भोंसला राजा को अपनी राजधानी नागपुर में ब्रिटिश रेजीडेण्ट रखने के लिए मज़बूर होना पड़ा।
  • उसने निज़ाम अथवा पेशवा के साथ होने वाले किसी भी झगड़े में अंग्रेज़ों को पंच बनाना स्वीकार किया और यह वायदा किया कि वह अपने यहाँ कम्पनी सरकार की *अनुमति के बिना किसी भी यूरोपीय अथवा अमेरिकी को नौकरी नहीं देगा।
  • व्यावहारिक दृष्टिकोण से इस संधि ने भोंसले को अंग्रेज़ों का आश्रित बना दिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः