हनुमानगढ़ पर्यटन

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हनुमानगढ़, राजस्थान का एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम भटनेर था। मंगलवार के दिन अधिकार होने के कारण इस क़िले में एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर बनवाया गया तथा उसी दिन से उसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया। घग्घर के आस-पास का प्रदेश होने के कारण यह बीकानेर का संपन्न भाग था तथा यहाँ शिल्पकला एवं हस्तकला का काफ़ी विकास हुआ।

भटनेर क़िला

  • भटनेर किला काफ़ी पुराना क़िला है।
  • घाघहर नदी के किनारे भटनेर दुर्ग स्थित है। भूपत के पुत्र अभय राव भाटी ने 295 ई. में इस किले का निर्माण करवाया था। यह किला भारतीय इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी भी रहा है। मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच प्रसिद्ध तराइन का युद्ध यहीं पर हुआ था। कुतुबुद्दीन ऐबक, तैमूर और अकबर ने भी भटनेर में शासन किया है। तैमूर ने अपनी आत्‍मकथा तुजुक-ए-तैमूरी में लिखा है कि मैंने इस किले के समान हिन्दुस्तान के किसी अन्‍य किले को सुरक्षित और शाक्तिशाली नहीं पाया है। बीकानेर के सम्राट सूरत सिंह ने 1805 ई. में भाटी से लड़ाई जीत कर इस स्थान पर क़ब्ज़ा कर लिया था। जिस दिन वह लड़ाई जीते उस दिन मंगलवार था। हनुमानगढ़ को तभी से भटनेर के साथ हनुमानगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।


आदर्श स्थल

  • गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह यहाँ पर दो भाई सुखासिंह व भाई महताबसिंह ने गुरुद्वारा हरिमंदर साहब पर अमृतसर में मस्सा रंघङ का सिर कलम कर बुडा जोहड़ लौटते समय इस स्थान पर रुक कर घोड़ों को पेड़ से बांध कर कुछ देर आराम किया था।
  • भटनेर यह हनुमानगढ़ टाऊन में स्थित प्राचीन क़िला है।
  • गोगामेडी हिंदू और मुस्लिम दोनों में समान रूप से मान्य गोगा/जाहर पीर की समाधी है, जहाँ पर पशुओं का मेला भी भाद्रपद माह में लगता है।
  • कालीबंगा यहाँ पर 5000 ईसा पूर्व कि सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र है जहाँ एक संग्रहालय भी है।
  • नोहर सन 1730 में यहाँ दसवें गुरु गोविंद सिंह के आगमन पर बना कबूतर साहिब का गुरुद्वारा है तथा यह मिट्टी के बने बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है।
  • तलवाड़ा झील यहाँ पर पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध लड़ा गया था।
  • मसीतां वाली हेड जहाँ से इंदिरा गाँधी नहर राजस्थान में प्रवेश करती है।
  • सिल्ला माता मंदिर यहाँ पर यह माना जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।
  • भद्र्काली मंदिर यह घग्घर नदी के किनारे बना एक प्राचीन मंदिर है।

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