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'''धरणीकोटा / धरनीकोटा''' एक प्रसिद्ध नगर है जो [[आंध्र प्रदेश]] के गुंटूर ज़िले में [[कृष्णा नदी]] के दाहिने किनारे पर स्थित है।  
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धरणीकोटा एक प्रसिद्ध नगर जो [[आंध्र प्रदेश]] के गुंटूर ज़िले में [[कृष्णा नदी]] के दाहिने किनारे पर स्थित है।  
 
 
==उत्खनन==
 
==उत्खनन==
 
धरणीकोटा के उत्खननों में सबसे महत्त्वपूर्ण खोज पत्थर से काटकर बनाई गई नौ परिवहन नहर है, जिसके साथ एक जहाज़ घाट भी प्रकाश में आया है। धरणीकोटा से प्राप्त पुरा वस्तुओं में दाँतेदार चिह्न वाले भाण्ड आरेटाइन ठीकरे और रोमन दोहत्थे कलश शामिल हैं, जो रोमन सम्पर्क और प्रभाव का संकेत देते हैं। इनके अतिरिक्त सीसे की वस्तुएँ एवं परवर्ती [[सातवाहन काल]] के ताम्र एवं काँच के सिक्के (जिन पर शेर और [[हाथी]] के चित्र उत्कीर्ण हैं) और हाथीदाँत की बनी मुहर भी प्राप्त हुई है। धरणीकोटा के अभिलेखों से यह इंगित होता है कि यह सातवाहन और [[इक्ष्वाकु|इक्ष्वाकु कालों]] में [[बौद्ध धर्म]] के महासंघिक सम्प्रदाय के चैत्यक पंथ का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।  
 
धरणीकोटा के उत्खननों में सबसे महत्त्वपूर्ण खोज पत्थर से काटकर बनाई गई नौ परिवहन नहर है, जिसके साथ एक जहाज़ घाट भी प्रकाश में आया है। धरणीकोटा से प्राप्त पुरा वस्तुओं में दाँतेदार चिह्न वाले भाण्ड आरेटाइन ठीकरे और रोमन दोहत्थे कलश शामिल हैं, जो रोमन सम्पर्क और प्रभाव का संकेत देते हैं। इनके अतिरिक्त सीसे की वस्तुएँ एवं परवर्ती [[सातवाहन काल]] के ताम्र एवं काँच के सिक्के (जिन पर शेर और [[हाथी]] के चित्र उत्कीर्ण हैं) और हाथीदाँत की बनी मुहर भी प्राप्त हुई है। धरणीकोटा के अभिलेखों से यह इंगित होता है कि यह सातवाहन और [[इक्ष्वाकु|इक्ष्वाकु कालों]] में [[बौद्ध धर्म]] के महासंघिक सम्प्रदाय के चैत्यक पंथ का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
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{{आंध्र प्रदेश के नगर}}
 
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[[Category:आंध्र प्रदेश]]
 
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[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 
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Latest revision as of 14:44, 13 November 2014

dharanikota / dharanikota ek prasiddh nagar hai jo aandhr pradesh ke guantoor zile mean krishnaa nadi ke dahine kinare par sthit hai.

utkhanan

dharanikota ke utkhananoan mean sabase mahattvapoorn khoj patthar se katakar banaee gee nau parivahan nahar hai, jisake sath ek jahaz ghat bhi prakash mean aya hai. dharanikota se prapt pura vastuoan mean daantedar chihn vale bhand aretain thikare aur roman dohatthe kalash shamil haian, jo roman sampark aur prabhav ka sanket dete haian. inake atirikt sise ki vastuean evan paravarti satavahan kal ke tamr evan kaanch ke sikke (jin par sher aur hathi ke chitr utkirn haian) aur hathidaant ki bani muhar bhi prapt huee hai. dharanikota ke abhilekhoan se yah iangit hota hai ki yah satavahan aur ikshvaku kaloan mean bauddh dharm ke mahasanghik sampraday ke chaityak panth ka ek mahattvapoorn kendr tha.



panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh