Difference between revisions of "कोलकाता की जलवायु"

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मानसून की मौसमी प्रवृत्ति के साथ [[कोलकाता]] की जलवायु उपोष्ण कटिबंधीय है। कोलकाता का अधिकतम तापमान 42 डिग्री से. और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से. तक पहुँच जाता है। औसत वार्षिक [[वर्षा]] लगभग 1,625 मिमी होती है, जिसमें अधिकांश वर्षा [[मानसून|मानसून काल]] के जून से सितंबर के बीच होती है। ये महीने अत्यधिक आर्द्र और कभी-कभी उमस भरे होते हैं।  
*मानसून की मौसमी प्रवृत्ति के साथ [[कोलकाता]] की जलवायु उपोष्ण कटिबंधीय है। कोलकाता का अधिकतम तापमान 42 डिग्री से. और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से. तक पहुँच जाता है। औसत वार्षिक [[वर्षा]] लगभग 1,625 मिमी होती है, जिसमें अधिकांश वर्षा मानसून काल के [[जून]] से [[सितंबर]] के बीच होती है। ये महीने अत्यधिक आर्द्र और कभी-कभी उमस भरे होते हैं।  
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*[[अक्टूबर]] व [[नवम्बर]] के दौरान वर्षा कम होती जाती है। [[शीत ऋतु]] के [[महीने|महीनों]] में, लगभग नवम्बर के अन्त से [[फ़रवरी]] के अन्त तक मौसम खुशनुमा और वर्षारहित होता है। कभी-कभी इस मौसम में भोर के समय कोहरे व घुँध से कम दिखाई देता है। इसी प्रकार शाम को कोहरे की मोटी परत छाई रहती है।  
*[[अक्टूबर]] व [[नवम्बर]] के दौरान वर्षा कम होती जाती है। शीत ऋतु के महीनों में, लगभग [[नवम्बर]] के अन्त से [[फ़रवरी]] के अन्त तक मौसम खुशनुमा और वर्षारहित होता है। कभी-कभी इस मौसम में भोर के समय कोहरे व घुँध से कम दिखाई देता है। इसी प्रकार शाम को कोहरे की मोटी परत छाई रहती है।  
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*[[1950]] के दशक के प्रारम्भिक वर्षों से वातावरण में [[प्रदूषण]] बढ़ गया है। कारख़ाने, वाहन और ताप बिजलीघर, जिनमें [[कोयला]] जलाया जाता है, इस प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं, किन्तु लोगों के लिए ताज़ी हवाएँ लाकर मानसूनी हवाएँ स्वच्छता कारक का काम करती हैं और [[जल प्रदूषण]] हटाने को तीव्रता प्रदान करती हैं।  
*[[1950]] के दशक के प्रारम्भिक वर्षों से वातावरण में प्रदूषण बढ़ गया है। कारख़ाने, वाहन और ताप बिजलीघर, जिनमें कोयला जलाया जाता है, इस प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं, किन्तु लोगों के लिए ताज़ी हवाएँ लाकर मानसूनी हवाएँ स्वच्छता कारक का काम करती हैं और [[जल]] प्रदूषण हटाने को तीव्रता प्रदान करती हैं।  
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Latest revision as of 11:16, 7 June 2013

manasoon ki mausami pravritti ke sath kolakata ki jalavayu uposhn katibandhiy hai. kolakata ka adhikatam tapaman 42 digri se. aur nyoonatam tapaman 7 digri se. tak pahuanch jata hai. ausat varshik varsha lagabhag 1,625 mimi hoti hai, jisamean adhikaansh varsha manasoon kal ke joon se sitanbar ke bich hoti hai. ye mahine atyadhik ardr aur kabhi-kabhi umas bhare hote haian.

  • aktoobar v navambar ke dauran varsha kam hoti jati hai. shit rritu ke mahinoan mean, lagabhag navambar ke ant se faravari ke ant tak mausam khushanuma aur varsharahit hota hai. kabhi-kabhi is mausam mean bhor ke samay kohare v ghuandh se kam dikhaee deta hai. isi prakar sham ko kohare ki moti parat chhaee rahati hai.
  • 1950 ke dashak ke prarambhik varshoan se vatavaran mean pradooshan badh gaya hai. karakhane, vahan aur tap bijalighar, jinamean koyala jalaya jata hai, is pradooshan ke pramukh karan haian, kintu logoan ke lie tazi havaean lakar manasooni havaean svachchhata karak ka kam karati haian aur jal pradooshan hatane ko tivrata pradan karati haian.


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