मनोज मुकुंद नरवणे
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मनोज मुकुंद नरवणे
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पूरा नाम | जनरल मनोज मुकुंद नरवणे |
जन्म | 22 अप्रॅल, 1960 |
जन्म भूमि | पुणे, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- मुकुंद नरवणे, माता- सुधा |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय सेना |
पुरस्कार-उपाधि | 'परम विशिष्ट सेवा पदक', 'अतिविशिष्ट सेवा पदक', 'सेना पदक', 'विशिष्ट सेवा पदक' |
प्रसिद्धि | 28वें थलसेनाध्यक्ष, भारत |
नागरिकता | भारतीय |
सेवा वर्ष | जून, 1980 - वर्तमान |
दस्ता | 7 सिक्ख लाइट इंफ्रेन्ट्री |
अन्य जानकारी | भारतीय थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले मनोज मुकुंद नरवणे इस्टर्न कमांड के प्रमुख थे। |
अद्यतन | 14:23, 27 अप्रॅल 2020 (IST)
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जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (अंग्रेज़ी: General Manoj Mukund Naravane, जन्म- 22 अप्रॅल, 1960, पुणे, महाराष्ट्र) भारतीय थल सेना के नव नियुक्त सेना प्रमुख हैं। उन्होंने पूर्व थलसेनाध्यक्ष बिपिन रावत का पदभार ग्रहण किया है। लेफ्टिनेंट जरनल मनोज मुकुंद नरवणे अभी तक सेना के उप-प्रमुख का पद संभाल रहे थे। वह भारत के 28वें थल सेना प्रमुख हैं। सेना प्रमुख बनते ही वह दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल 13 लाख थल सैनिकों के मुखिया बन गए हैं।
- भारतीय थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले मनोज मुकुंद नरवणे इस्टर्न कमांड के प्रमुख थे। इस्टर्न कमांड भारत-चीन की 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करती है।
- अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान मनोज मुकुंद नरवणे विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवादरोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू और कश्मीर व पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
- वह जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं।
- श्रीलंका में वह भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यांंमार स्थित भारतीय दूतावास में रहे।
- लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं।
- वह जून, 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए।
- उन्हें 'सेना मेडल', 'विशिष्ट सेवा मेडल' और 'अतिविशिष्ट सेवा मेडल' प्रदान किये जा चुके हैं।
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