रुडयार्ड किपलिंग

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thumb|200px|रुडयार्ड किपलिंग रुडयार्ड किपलिंग (अंग्रेज़ी: Rudyard Kipling, जन्म- 30 दिसंबर, 1865, मुम्बई, भारत; मृत्यु- 18 जनवरी, 1936, लंदन) ब्रिटिश लेखक और कवि थे। औपनिवेशिक काल के भारत में बंबई (वर्तमान मुम्बई) में जन्मे किपलिंग को मुख्य रूप से उनकी पुस्तक "द जंगल बुक" (1894), 'किम' (1901), 'द मैन हु वुड बी किंग' (1888) और उनकी कविताएं जिसमें 'मंडालय' (1890), 'गंगा दीन' (1890) और 'इफ-' (1910) शामिल हैं, के लिए जाने जाते हैं।

  • रुडयार्ड किपलिंग को लघु कहानी की कला में एक प्रमुख अन्वेषक माना जाता है। उनकी बच्चों की किताबें बाल साहित्य की स्थाई कालजयी कृतियाँ हैं।
  • 20 वीं शताब्दी के पहले दशक में रुडयार्ड किपलिंग की लोकप्रियता को ऊंचाई पर देखा गया।
  • सन 1907 में उन्हें साहित्य के लिए 'नोबेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि "आलोचना की शक्ति का महत्व, कल्पना की मौलिकता, विचारों का पौरूष और असाधारण प्रतिभा जो इस प्रसिद्ध लेखक की रचना के लिए दुनिया में चिह्नित करता है।"
  • 1930 के दशक के प्रारम्भ तक किपलिंग ने अपनी लेखनी को बरकरार रखा था, लेकिन उनकी गति काफी धीमी हो गई थी और पहले के मुकाबले उनकी रचनाएं कम सफल थी।
  • 70 वर्षीय रुडयार्ड किपलिंग का देहांत जॉर्ज पंचम से दो दिन पहले 18 जनवरी, 1936 को छिद्रित गृहणी संबंधी घाव से हुआ।


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