वाच्य: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{शब्द संदर्भ लघु |हिन्दी=जो वाचा के रूप में आता हो या ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{शब्द संदर्भ लघु | {{शब्द संदर्भ लघु | ||
|हिन्दी=जो वाचा के रूप में आता हो या आ सकता हो, जो कहा जा सके या कहे जाने के योग्य हो, जिसका बोध शब्द द्वारा हो सकता हो, | |हिन्दी=जो वाचा के रूप में आता हो या आ सकता हो, जो कहा जा सके या कहे जाने के योग्य हो, जिसका बोध शब्द द्वारा हो सकता हो, शब्द की अभिधा शक्ति के द्वारा जिसका बोध होता हो या हो सकता हो। | ||
|व्याकरण=[[विशेषण]] | |व्याकरण=[[विशेषण]] | ||
|उदाहरण=वाच्य-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित विधान का विषय कर्ता है, या कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। | |उदाहरण='''वाच्य'''-[[क्रिया]] के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित विधान का विषय कर्ता है, या कर्म है, अथवा भाव है, उसे '''वाच्य''' कहते हैं। | ||
|विशेष=उक्त व्यक्त अर्थ को 'वाच्यार्थ' कहते हैं। | |विशेष=उक्त व्यक्त अर्थ को 'वाच्यार्थ' कहते हैं। | ||
|विलोम=अवाच्य | |विलोम=अवाच्य |
Latest revision as of 13:01, 16 February 2011
हिन्दी | जो वाचा के रूप में आता हो या आ सकता हो, जो कहा जा सके या कहे जाने के योग्य हो, जिसका बोध शब्द द्वारा हो सकता हो, शब्द की अभिधा शक्ति के द्वारा जिसका बोध होता हो या हो सकता हो। |
-व्याकरण | विशेषण |
-उदाहरण | वाच्य-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित विधान का विषय कर्ता है, या कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। |
-विशेष | उक्त व्यक्त अर्थ को 'वाच्यार्थ' कहते हैं। |
-विलोम | अवाच्य |
-पर्यायवाची | कथ्य, कहने योग्य, भाष्य, सूच्य। |
संस्कृत | वच्+ण्यत् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |