मणिपुर की संस्कृति: Difference between revisions

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पोलो और [[हॉकी]] यहाँ के लोकप्रिय खेल हैं। [[मणिपुर]] ने [[शास्त्रीय नृत्य]] की एक स्थानीय शैली मणिपुरी को भी जन्म दिया है। [[भारत]] के अन्य नृत्य रूपों के विपरीत इस नृत्य शैली में हाथ की मुद्राओं का उपयोग मूक अभिनय के बजाए सजावटी तोर पर ही किया जाता है, घुंघरुओं से स्वराघात उत्पन्न नहीं किया जा सकता और नर्तक व नर्तकी मिलकर यह नृत्य करते हैं। नृत्य नाटिकाएँ, जिनकी व्याख्या वाचक के द्वारा होती है, यहाँ के धार्मिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन नाटिकाओं के विषय सामान्यत: [[हिन्दू धर्म]] के पशुपालक देवता [[कृष्ण]] के जीवन से लिए जाते हैं। लम्बे समय तक लगभग अज्ञात इस नृत्य का शेष भारत से परिचय महाकवि [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] ने [[1917]] में करवाया। [[रास नृत्य|रास]], संकीर्तन नृत्य और थांग-ता (मृदंग वादन) भी इनके सांस्कृतिक जीवन के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इसके अलावा मणिपुरी अच्छे योद्धा होते हैं और कुश्ती, तलवारबाज़ी और युद्ध कलाओं का अभ्यास करते हैं। वे पोलो भी खेलते हैं।
काईना हिन्दुओं का तीर्थ स्थान है। कैबुल लाम्जाओ राष्ट्रीय उद्यान देश का अपने ढंग का एकमात्र तैरता अभयारण्य है। राज्य के अन्य उल्लेखनीय पर्यटन स्थलों में प्राचीन महल, वैष्णवों का श्रीगोविन्दजी मन्दिर, युद्ध शहीदों के क़ब्रिस्तान, पोलो मैदान के निकट राज्य संग्रहालय, लांगताबंद महल और ख्वैरामबंद बाज़ार शामिल हैं। महिलाओं के इस बाज़ार को नूपी केथल या ईमा मार्केट भी कहते हैं। राज्य में हर साल लगभग 91 हज़ार पर्यटक आते हैं।
इस राज्य में अनेक पर्यटन स्थल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 39 पर इम्फ़ाल से सात किमी. दूर खोंगमपाट ऑर्किड उद्यान है, जहाँ इस पुष्प पौधे की 110 से भी अधिक क़िस्में उपलब्ध हैं। राज्य की राजधानी से 106 किमी. दूर 1,757 मीटर की ऊँचाई पर मनोहारी पर्वतीय स्थल माओ है। यह इम्फ़ाल और [[दीमापुर]] के बीच रास्ते में स्थित है। इम्फ़ाल से मात्र 27 किमी. दूर बिष्णुपुर में विष्णु का मन्दिर है। इसके अलावा मोहरा वह जगह है, जहाँ नेताजी [[सुभाष चन्द्र बोस]] ने पहली बार भारत की भूमि पर भारतीय तिरंगा फहराया था। यह जगह इम्फ़ाल से 45 किमी. दक्षिण में है और यहाँ आज़ाद हिन्द सेना स्मारक भवन तथा युद्ध संग्रहालय हैं। यह स्थान प्राचीन मणिपुरी लोक संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है। निकट ही लोकटक झील भव्य दृश्य प्रस्तुत करती है और पास ही में एक हिरन उद्यान भी है। पर्यटक 165 किमी. की दूरी पर स्थित तमेंलों भी जाना पसन्द करते हैं, जहाँ जलप्रपात और देश-विदेश के ऑर्किड फूलों सहित विविध प्रकार के आकर्षण मिलते हैं।
;त्योहार
मणिपुर में वर्ष भर त्‍योहार मनाए जाते हैं। कोई महीना ऐसा नहीं होता जब कोई त्‍योहार न मनाया जाता हो। त्‍योहार मणिपुर के निवासियों की सामाजिक, सांस्‍कृतिक और धार्मिक आकांक्षाओं का प्रतीक है। राज्‍य के प्रमुख त्‍योहार है-  
मणिपुर में वर्ष भर त्‍योहार मनाए जाते हैं। कोई महीना ऐसा नहीं होता जब कोई त्‍योहार न मनाया जाता हो। त्‍योहार मणिपुर के निवासियों की सामाजिक, सांस्‍कृतिक और धार्मिक आकांक्षाओं का प्रतीक है। राज्‍य के प्रमुख त्‍योहार है-  
*लाई हारोबा
*लाई हारोबा

Latest revision as of 09:47, 10 October 2012

thumb|कुट त्‍योहार, मणिपुर
Kut Festival, Manipur
पोलो और हॉकी यहाँ के लोकप्रिय खेल हैं। मणिपुर ने शास्त्रीय नृत्य की एक स्थानीय शैली मणिपुरी को भी जन्म दिया है। भारत के अन्य नृत्य रूपों के विपरीत इस नृत्य शैली में हाथ की मुद्राओं का उपयोग मूक अभिनय के बजाए सजावटी तोर पर ही किया जाता है, घुंघरुओं से स्वराघात उत्पन्न नहीं किया जा सकता और नर्तक व नर्तकी मिलकर यह नृत्य करते हैं। नृत्य नाटिकाएँ, जिनकी व्याख्या वाचक के द्वारा होती है, यहाँ के धार्मिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन नाटिकाओं के विषय सामान्यत: हिन्दू धर्म के पशुपालक देवता कृष्ण के जीवन से लिए जाते हैं। लम्बे समय तक लगभग अज्ञात इस नृत्य का शेष भारत से परिचय महाकवि रबीन्द्रनाथ टैगोर ने 1917 में करवाया। रास, संकीर्तन नृत्य और थांग-ता (मृदंग वादन) भी इनके सांस्कृतिक जीवन के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इसके अलावा मणिपुरी अच्छे योद्धा होते हैं और कुश्ती, तलवारबाज़ी और युद्ध कलाओं का अभ्यास करते हैं। वे पोलो भी खेलते हैं।

काईना हिन्दुओं का तीर्थ स्थान है। कैबुल लाम्जाओ राष्ट्रीय उद्यान देश का अपने ढंग का एकमात्र तैरता अभयारण्य है। राज्य के अन्य उल्लेखनीय पर्यटन स्थलों में प्राचीन महल, वैष्णवों का श्रीगोविन्दजी मन्दिर, युद्ध शहीदों के क़ब्रिस्तान, पोलो मैदान के निकट राज्य संग्रहालय, लांगताबंद महल और ख्वैरामबंद बाज़ार शामिल हैं। महिलाओं के इस बाज़ार को नूपी केथल या ईमा मार्केट भी कहते हैं। राज्य में हर साल लगभग 91 हज़ार पर्यटक आते हैं।

इस राज्य में अनेक पर्यटन स्थल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 39 पर इम्फ़ाल से सात किमी. दूर खोंगमपाट ऑर्किड उद्यान है, जहाँ इस पुष्प पौधे की 110 से भी अधिक क़िस्में उपलब्ध हैं। राज्य की राजधानी से 106 किमी. दूर 1,757 मीटर की ऊँचाई पर मनोहारी पर्वतीय स्थल माओ है। यह इम्फ़ाल और दीमापुर के बीच रास्ते में स्थित है। इम्फ़ाल से मात्र 27 किमी. दूर बिष्णुपुर में विष्णु का मन्दिर है। इसके अलावा मोहरा वह जगह है, जहाँ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने पहली बार भारत की भूमि पर भारतीय तिरंगा फहराया था। यह जगह इम्फ़ाल से 45 किमी. दक्षिण में है और यहाँ आज़ाद हिन्द सेना स्मारक भवन तथा युद्ध संग्रहालय हैं। यह स्थान प्राचीन मणिपुरी लोक संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है। निकट ही लोकटक झील भव्य दृश्य प्रस्तुत करती है और पास ही में एक हिरन उद्यान भी है। पर्यटक 165 किमी. की दूरी पर स्थित तमेंलों भी जाना पसन्द करते हैं, जहाँ जलप्रपात और देश-विदेश के ऑर्किड फूलों सहित विविध प्रकार के आकर्षण मिलते हैं।

त्योहार

मणिपुर में वर्ष भर त्‍योहार मनाए जाते हैं। कोई महीना ऐसा नहीं होता जब कोई त्‍योहार न मनाया जाता हो। त्‍योहार मणिपुर के निवासियों की सामाजिक, सांस्‍कृतिक और धार्मिक आकांक्षाओं का प्रतीक है। राज्‍य के प्रमुख त्‍योहार है-

  • लाई हारोबा
  • रास लीला
  • चिरओबा
  • निंगोल चाक-कुबा
  • रथ यात्रा
  • ईद-उल-फितर

thumb|कुट त्‍योहार, मणिपुर
Kut Festival, Manipur

  • इमोइनु
  • गान-नागी
  • लुई-नगाई-नी
  • ईद उल ज़ुहा
  • योशांग(होली)
  • दुर्गा पूजा
  • मेरा होचोंगबा
  • दीवाली
  • कुट
  • क्रिसमस



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख