राशि: Difference between revisions

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'''राशियाँ''' [[राशि चक्र]] के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर [[ज्योतिष]] आधारित है। हर राशि [[सूर्य]] के क्रांतिवृत्त (ऍक्लिप्टिक) पर आने वाले एक [[तारामंडल]] से संबंध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है - जैसे कि मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यदि [[पृथ्वी]], सूर्य के केन्द्र और पृथ्वी की परिक्रमा के तल को चारों तरफ ब्रह्माण्ड में फैलायें, तो यह ब्रह्माण्ड में एक तरह की पेटी सी बना लेगा। इस पेटी को 12 बराबर भागों में बांटें तो इन 12 भागों में कोई न कोई तारा समूह अवश्य आता है। पृथ्वी और अन्य [[ग्रह]], सूर्य के चारों तरफ घूमते हैं या इसको इस तरह से कहें कि सूर्य और सारे ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष इन 12 तारा समूहों से गुजरते हैं। यह किसी अन्य तारा समूह के साथ नहीं होता है। इसलिये यह 12 महत्वपूर्ण हो गये हैं। इस तारा समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हें राशियां कहा जाने लगा। भारतीय ज्योतिष के अनुसार राशियाँ बारह (12) होती हैं जो निम्नाकिंत हैं-
'''राशि''' [[राशि चक्र]] के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर [[ज्योतिष]] आधारित है। हर राशि [[सूर्य]] के क्रांतिपथ पर आने वाले एक [[तारामंडल]] से संबंध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है - जैसे कि मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यदि [[पृथ्वी]], सूर्य के केन्द्र और पृथ्वी की परिक्रमा के तल को चारों तरफ ब्रह्माण्ड में फैलायें, तो यह ब्रह्माण्ड में एक तरह की पेटी सी बना लेगा। इस पेटी को 12 बराबर भागों में बांटें तो इन 12 भागों में कोई न कोई तारा समूह अवश्य आता है। पृथ्वी और अन्य [[ग्रह]], सूर्य के चारों तरफ घूमते हैं या इसको इस तरह से कहें कि सूर्य और सारे ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष इन 12 तारा समूहों से गुजरते हैं। यह किसी अन्य तारा समूह के साथ नहीं होता है। इसलिये यह 12 महत्त्वपूर्ण हो गये हैं। इस तारा समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हें राशियां कहा जाने लगा। भारतीय ज्योतिष के अनुसार राशियाँ बारह (12) होती हैं जो निम्नाकिंत हैं-
#[[मेष राशि]]
#[[मेष राशि]]
#[[वृष राशि]]
#[[वृष राशि]]

Latest revision as of 08:02, 1 August 2013

राशि राशि चक्र के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर ज्योतिष आधारित है। हर राशि सूर्य के क्रांतिपथ पर आने वाले एक तारामंडल से संबंध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है - जैसे कि मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यदि पृथ्वी, सूर्य के केन्द्र और पृथ्वी की परिक्रमा के तल को चारों तरफ ब्रह्माण्ड में फैलायें, तो यह ब्रह्माण्ड में एक तरह की पेटी सी बना लेगा। इस पेटी को 12 बराबर भागों में बांटें तो इन 12 भागों में कोई न कोई तारा समूह अवश्य आता है। पृथ्वी और अन्य ग्रह, सूर्य के चारों तरफ घूमते हैं या इसको इस तरह से कहें कि सूर्य और सारे ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष इन 12 तारा समूहों से गुजरते हैं। यह किसी अन्य तारा समूह के साथ नहीं होता है। इसलिये यह 12 महत्त्वपूर्ण हो गये हैं। इस तारा समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हें राशियां कहा जाने लगा। भारतीय ज्योतिष के अनुसार राशियाँ बारह (12) होती हैं जो निम्नाकिंत हैं-

  1. मेष राशि
  2. वृष राशि
  3. मिथुन राशि
  4. कर्क राशि
  5. सिंह राशि
  6. कन्या राशि
  7. तुला राशि
  8. वृश्चिक राशि
  9. धनु राशि
  10. मकर राशि
  11. कुम्भ राशि
  12. मीन राशि



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख