कामरूप: Difference between revisions
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कामरूप राज्य का सबसे पुराना उदाहरण [[इलाहाबाद]] में [[समुद्रगुप्त]] के शिलालेख से मिलता है। इस [[शिलालेख]] में कामरूप का विवरण ऐसे सीमावर्ती देश के रूप में मिलता है, जो [[गुप्त साम्राज्य]] के अधीन था और गुप्त साम्राज्य के साथ इस राज्य के मैत्रीपूर्ण संबंध थे। कामरूप के ही शासक भूतिवर्मा ने 554 ई. में [[ | कामरूप राज्य का सबसे पुराना उदाहरण [[इलाहाबाद]] में [[समुद्रगुप्त]] के शिलालेख से मिलता है। इस [[शिलालेख]] में कामरूप का विवरण ऐसे सीमावर्ती देश के रूप में मिलता है, जो [[गुप्त साम्राज्य]] के अधीन था और गुप्त साम्राज्य के साथ इस राज्य के मैत्रीपूर्ण संबंध थे। कामरूप के ही शासक भूतिवर्मा ने 554 ई. में [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था। | ||
*[[चीन]] के | *[[चीन]] के विद्वान् यात्री [[ह्वेनसांग]] लगभग 743 ईस्वी में राजा कुमारभास्कर वर्मन के निमंत्रण पर कामरूप में आया था। ह्वेनसांग ने कामरूप का उल्लेख 'कामोलुपा' के रूप में किया है। | ||
* 11वीं शताब्दी के [[अरब]] इतिहासकार [[अलबरूनी]] की पुस्तक में भी 'कामरूप' का विवरण प्राप्त होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से लेकर 12वीं शताब्दी ईस्वी तक समस्त [[आर्यावर्त]] में पूर्वी सीमांत देश को 'प्राग्ज्योतिष' और 'कामरूप' के नाम से जाना जाता था और यहाँ के नरेश स्वयं को 'प्राग्ज्योतिष नरेश' कहलाया करते थे। | * 11वीं शताब्दी के [[अरब]] इतिहासकार [[अलबरूनी]] की पुस्तक में भी 'कामरूप' का विवरण प्राप्त होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से लेकर 12वीं शताब्दी ईस्वी तक समस्त [[आर्यावर्त]] में पूर्वी सीमांत देश को 'प्राग्ज्योतिष' और 'कामरूप' के नाम से जाना जाता था और यहाँ के नरेश स्वयं को 'प्राग्ज्योतिष नरेश' कहलाया करते थे। | ||
Latest revision as of 07:43, 7 November 2017
कामरूप असम राज्य का प्राचीन नाम है। प्राचीन समय में असम राज्य 'प्राग्ज्योतिष' अर्थात् 'पूर्वी ज्योतिष का स्थान' कहलाता था।
ऐतिहासिक उल्लेख
कामरूप राज्य का सबसे पुराना उदाहरण इलाहाबाद में समुद्रगुप्त के शिलालेख से मिलता है। इस शिलालेख में कामरूप का विवरण ऐसे सीमावर्ती देश के रूप में मिलता है, जो गुप्त साम्राज्य के अधीन था और गुप्त साम्राज्य के साथ इस राज्य के मैत्रीपूर्ण संबंध थे। कामरूप के ही शासक भूतिवर्मा ने 554 ई. में अश्वमेध यज्ञ किया था।
- चीन के विद्वान् यात्री ह्वेनसांग लगभग 743 ईस्वी में राजा कुमारभास्कर वर्मन के निमंत्रण पर कामरूप में आया था। ह्वेनसांग ने कामरूप का उल्लेख 'कामोलुपा' के रूप में किया है।
- 11वीं शताब्दी के अरब इतिहासकार अलबरूनी की पुस्तक में भी 'कामरूप' का विवरण प्राप्त होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से लेकर 12वीं शताब्दी ईस्वी तक समस्त आर्यावर्त में पूर्वी सीमांत देश को 'प्राग्ज्योतिष' और 'कामरूप' के नाम से जाना जाता था और यहाँ के नरेश स्वयं को 'प्राग्ज्योतिष नरेश' कहलाया करते थे।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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