जैन केशवाय संस्कार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{जैन धर्म}}" to "{{जैन धर्म}} {{जैन धर्म2}}")
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(5 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 3: Line 3:
*परन्तु यदि बालक की माता गर्भवती हो तो मुण्डन करना सर्वथा अनुचित है।  
*परन्तु यदि बालक की माता गर्भवती हो तो मुण्डन करना सर्वथा अनुचित है।  
*माता के गर्भवती होने पर यदि मुण्डन किया जाएगा तो गर्भ पर अथवा उस बालक पर कोई विपत्ति सम्भव है।  
*माता के गर्भवती होने पर यदि मुण्डन किया जाएगा तो गर्भ पर अथवा उस बालक पर कोई विपत्ति सम्भव है।  
*यदि बालक के पाँच वर्ष पूर्ण हो गये हों तो फिर माता का गर्भ पर किसी प्रकार का दोष नहीं कर सकता अर्थात सातवें वर्ष में यदि माता गर्भवती भी हो तथापि बालक का विधिपूर्वक मुण्डन करा देना ही उचित है।
*यदि बालक के पाँच वर्ष पूर्ण हो गये हों तो फिर माता का गर्भ पर किसी प्रकार का दोष नहीं कर सकता अर्थात् सातवें वर्ष में यदि माता गर्भवती भी हो तथापि बालक का विधिपूर्वक मुण्डन करा देना ही उचित है।
{{जैन धर्म}}
{{प्रचार}}
{{जैन धर्म2}}
{{लेख प्रगति
[[Category:जैन धर्म]]
|आधार=
[[Category:जैन धर्म कोश]]
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
 
==संबंधित लेख==
{{संस्कार}}
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:जैन दर्शन]]
[[Category:जैन धर्म]][[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
 
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:45, 7 November 2017

  • यह संस्कार जैन धर्म के अंतर्गत आता है।
  • यह संस्कार पहले, तीसरे, पाँचवें अथवा सातवें वर्ष में करना उचित है।
  • परन्तु यदि बालक की माता गर्भवती हो तो मुण्डन करना सर्वथा अनुचित है।
  • माता के गर्भवती होने पर यदि मुण्डन किया जाएगा तो गर्भ पर अथवा उस बालक पर कोई विपत्ति सम्भव है।
  • यदि बालक के पाँच वर्ष पूर्ण हो गये हों तो फिर माता का गर्भ पर किसी प्रकार का दोष नहीं कर सकता अर्थात् सातवें वर्ष में यदि माता गर्भवती भी हो तथापि बालक का विधिपूर्वक मुण्डन करा देना ही उचित है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख