Difference between revisions of "प्रयोग:कविता बघेल 6"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{सर्वप्रथम अल्तामिरा गुफ़ा में चित्रों की खोज किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
-डी. पिरानी
 
+मारिया सातुओला
 
-ई. रेवियर
 
-एच. ब्रुइल
 
||प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र उत्तरी स्पेन में अल्तामिरा गुफ़ा की गीली दीवार पर हाथ की अंगुलियों द्वारा बनाई गई फीते के समान टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं हैं। यह गुफ़ा सेंतेंदर से 31 किमी. दूर उत्तरी स्पेन में स्थित है। यहां की गुफ़ाएं सर्वोत्कृष्ट शिल्प का उदाहरण हैं। गुफ़ा की छत कहीं-कहीं 6-7 फ़ीट ऊंची है, अत: छत पर अंकित चित्रों को देखने हेतु भूमि पर लेटना ठीक रहता है। यही कारण है कि इन्हें सर्वप्रथम 'मारिया सातुओला' नामक एक पांच वर्षीय बालिका ने देखा था।
 
 
{[[महात्मा बुद्ध]] के पूर्व जन्मों की काल्पनिक कथाएं किससे संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-66
 
|type="()"}
 
-[[पंचतंत्र]]
 
+[[जातक कथा|जातक कथाएं]]
 
-[[हितोपदेश]]
 
-इनमें से कोई नहीं
 
||[[जातक कथा|जातक कथाओं]] का अर्थ है-'पूर्वजन्म की कथाएं'। यह जातक कथाएं [[महात्मा बुद्ध]] के जन्म-जन्मान्तर की कथाएं हैं, जिनको उन्होंने स्वयं अपने उपदेशों में सुनाया। जातक कथा में 547 जन्मों का उल्लेख है। यद्यपि [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] में जीवन तथा [[धर्म]] दोनों से संबंधित चित्र हैं परंतु फिर भी विशेष रूप से जातक कथाओं या बुद्ध के जीवन की कथाओं का अंकन है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) अप्रत्यक्ष रूप से जातक कथाओं में महात्मा बुद्ध का एक संदेश छिपा है। (2) इन कथाओं को वेदिका स्तंभों पर सूचिकाओं पर अथवा दीवारों पर सांची, [[अमरावती]] आदि स्थानों पर तथा गांधार कला में जातक कथाओं के दृश्य अंकित हैं।
 
 
{[[गोथिक कला]] शैली मुख्यत: किस प्रकार की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-8
 
|type="()"}
 
-चित्र शैली
 
-मूर्ति शैली
 
+[[स्थापत्य कला|स्थापत्य शैली]]
 
-इनमें से कोई नहीं
 
||[[गोथिक कला]] शैली मुख्यत: स्थापत्य शैली है परंतु साथ ही साथ इस कला ने मूर्तिकला, रंजित कांच एवं पाण्डुलिपि अलंकरण को भी प्रोत्साहित किया।
 
 
{पिछवई लोक चित्र कहां मिलता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
+[[राजस्थान]]
 
-[[गुजरात]]
 
-[[बिहार]]
 
-[[कर्नाटक]]
 
||'पट-चित्र' [[राजस्थान]] की नाथद्वारा शैली में अधिक बने थे। इस उप-शैली का अद्भव एवं विकास श्रीनाथ जी की मूर्ति प्रतिष्ठित किए जाने के अनंतर हुआ। इस शैली की सबसे बड़ी देन पिछवई चित्रण है। भगवान श्रीनाथ जी के स्वरूप सज्जा हेतु मंदिर में उनके मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले पट-चित्रों की कलात्मकता के कारण ये पिछवई बहुत प्रसिद्ध है।
 
 
{प्रख्यात चित्र वीनस के चित्रकार कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-112,प्रश्न-68
 
|type="()"}
 
+बोत्तिचेल्ली
 
-रुबेंस
 
-राफेल
 
-वान डेर वाइडन
 
 
 
 
{बाज नामक चित्र के चित्रकार का नाम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-42
 
|type="()"}
 
+[[मंसूर]]
 
-[[अबुल हसन]]
 
-फ़ारुख़ बेग
 
-[[दौलत चित्रकार|दौलत]]
 
 
{अंडाकार रूप में व्यक्ति चित्रण किस शैली में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी शैली]]
 
-[[कंपनी शैली]]
 
-[[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश शैली]]
 
+[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]]
 
||अंडाकार रूप में व्यक्ति चित्रण [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]] में हुआ है। पहाड़ी चित्रकला की [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] में अंग तथा भाव-भंगिमाओं का सजीव चित्रण प्राप्त होता है। इस शैली में नारी चित्रण को विशेष महत्त्व प्रदान किया गया है। लंबी पतली भौंह, चमकीली आंखें, अंडाकार भरे हुए चेहरे, पतली कमर, लंबी-पतली उंगलियां, लहराते बाल आदि का चित्रण कांगड़ा शैली की प्रमुख विशेषताएं रही हैं।
 
 
{"शकुंतला वियोग" किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-21
 
|type="()"}
 
-[[रामचंद्रन]]
 
-[[शैलेंद्रनाथ डे]]
 
-[[अबनींद्रनाथ ठाकुर]]
 
+[[राजा रवि वर्मा]]
 
 
{बाइजेन्टाइन-कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण किसमें पाया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-101,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-[[बेसिलिका ऑफ़ बोम जीसस|बेसिलिका गिर्जा]]
 
+सान विताले गिर्जा
 
-सेंट मार्क गिर्जा
 
-सेंट बसील गिर्जा
 
||रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में (गिर्जा में) सम्राट जस्टीनियन व साम्राज्ञी थियोडोरा के परिचारकों सहित बने पच्चीकारी (मोजैक) चित्र इसके विश्व प्रसिद्ध उदाहरण हैं। इस [[कला]] के चरम उन्नति रैवेन्न के सान विताले नाम अष्टभुजी बाइजेन्टाइन भवन में दिखाई देती है।
 
 
{मानवतावाद किसकी कुंजी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-4
 
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+पुनरुत्थानवाद
 
-स्वच्छंदवाद
 
-यथार्थवाद
 
-उत्तर प्रभाववाद
 
||पुनर्जागरण कला शैली की तिथि निर्धारण कठिन है तथापि जिओत्तो की कला से ही इसका आरंभ मानने पर जिओत्तो एक ओर [[गोथिक कला]] का अंतिम कलाकार और दूसरी ओर पुनरुत्थान का आरंभिक कलाकार हो जाता है। शास्त्रीय दृष्टि अर्थात मानववादी वैज्ञानिक दृष्टि इसके मूल में रही है। इसका प्रथम चरण मोटे तौर पर [[इटली]] में सन् 1420 से समझा जाता है। जिओत्तो को शामिल कर लेने पर पुनर्जागरण काल को 1340-30 से 1520-30 तक अथवा अंतिम चरण 1600 ई. तक माना जा सकता है। इस अवधि में रीतिवाद ही प्रचलित था। मनुष्य को इसका केंद्र बनाया गया। धार्मिक विषयों को मानवीय दृष्टि से अंकित किया गया।
 
 
 
 
 
 
 
{[[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र कहां प्राप्त हुए है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-5
 
{[[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र कहां प्राप्त हुए है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-5
 
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Revision as of 12:02, 25 January 2018

1 bharat mean pragaitihasik chitr kahaan prapt hue hai? (kala samany jnan,pri.san-5,prashn-5

mujaffarapur
bindaki
khurjapur
saraguja

2 altamira ki gufaean kis desh mean haian? (kala samany jnan,pri.san-17,prashn-5

itali
ianglaiand
fraans
spen

3 nimn mean se kaun-si chitrakala bauddh dharm se sambadhit hai? (kala samany jnan,pri.san-37,prashn-68

mugal chitrakala
rajasthani chitrakala
kaang da chitrakala
ajanta chitrakala

4 gothik sthapaty shaili ka pramukh nidarshan kaun the? (kala samany jnan,pri.san-39,prashn-9

seant denis kaithedral
chartres kaithedral
mॅns girja
phlorens ka girja

5 pichhavee kisake lie chitrit ki gee? (kala samany jnan,pri.san-47,prashn-5

mandir
stoop
mahal
guha

6 humayooan ka makabara kisane vanavaya tha? (kala samany jnan,pri.san-56,prashn-5

akabar
babar
jahaangir
shahajahaan

7 paha di chitroan ka nirman kab se praranbh hua? (kala samany jnan,pri.san-71,prashn-5

20 vian shatabdi
18vian shatabdi
11vian shatabdi
21vian shatabdi

8 raja ravi varma ka janm kis rajy mean hua tha? (kala samany jnan,pri.san-90,prashn-5

u disa
madhy pradesh
keral
gujarat

9 baijentain-kala ki kya visheshataean hai? (kala samany jnan,pri.san-102,prashn-6

mojaik bhittichitr
chitrit bhittichitr
terakota bhittichitr
phresko bhittichitr

10 punarutthan kala ka keandr kahaan tha? (kala samany jnan,pri.san-104,prashn-5

jarmani
ianglaiand
itali
fraans