बारबोसा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''बारबोसा''' 1560 ई. में भारत आने वाला एक जेसुइट पादरी थ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''बारबोसा''' 1560 ई. में [[भारत]] आने वाला एक [[जेसुइट पादरी]] था। उसने सर्वप्रथम [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] का भ्रमण किया और | '''बारबोसा''' 1560 ई. में [[भारत]] आने वाला एक [[जेसुइट पादरी]] था। उसने सर्वप्रथम [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] का भ्रमण किया और तत्पश्चात् 1581 ई. में [[उत्तरी भारत]] तथा [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की यात्रा की। | ||
*बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक [[कृष्णदेव राय]] के शासन काल में की। | *बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक [[कृष्णदेव राय]] के शासन काल में की। | ||
Line 10: | Line 10: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{विदेशी यात्री}} | {{विदेशी यात्री}} | ||
[[Category:विदेशी यात्री]][[Category:मध्य काल]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:विदेशी यात्री]][[Category:मध्य काल]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:विदेशी]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 05:47, 7 January 2020
बारबोसा 1560 ई. में भारत आने वाला एक जेसुइट पादरी था। उसने सर्वप्रथम विजयनगर राज्य का भ्रमण किया और तत्पश्चात् 1581 ई. में उत्तरी भारत तथा बंगाल की यात्रा की।
- बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय के शासन काल में की।
- उसने कृष्णदेव राय के श्रेष्ठ प्रशासन और उसके साम्राज्य की समृद्धि का बखान खुले शब्दों में किया है।
- बारबोसा के अनुसार कृष्णदेव राय एक धर्मनिरपेक्ष शासक था। उसने कृष्णदेव राय की प्रशंसा, उसके राज्य में प्राप्त न्याय और समानता के कारण भी की है। इस प्रकार, वह विजयनगर की समृद्धि और बंगाल में निर्मित उत्कृष्ट वस्तुओं से अत्यधिक प्रभावित हुआ था।
|
|
|
|
|