रेणुका राय: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी |चित्र=Renuka-Ray.png |चित्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 49: | Line 49: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारतीय संविधान सभा सदस्य}}{{स्वतंत्रता सेनानी}} | {{भारतीय संविधान सभा सदस्य}}{{स्वतंत्रता सेनानी}} | ||
[[Category:भारतीय संविधान सभा सदस्य]][[Category: | [[Category:भारतीय संविधान सभा सदस्य]][[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 09:08, 7 February 2021
रेणुका राय
| |
पूरा नाम | रेणुका राय |
जन्म | 1904 |
जन्म भूमि | बंगाल (आज़ादी पूर्व) |
मृत्यु | 1997 |
अभिभावक | माता- चारूलता मुखर्जी पिता- संतीष चंद्र मुखर्जी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा राजनीतिज्ञ |
विद्यालय | लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स |
शिक्षा | बी.ए. |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म भूषण' (1988) |
अन्य जानकारी | रेणुका राय उन 15 महिलाओं में शामिल थीं जिन्हें भारतीय संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था। |
रेणुका राय (अंग्रेज़ी: Renuka Ray, जन्म- 1904; मृत्यु- 1997) भारत की जानीमानी स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा राजनीतिज्ञ थीं। वह उन 15 महिलाओं में शामिल थीं जिन्हें भारतीय संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था। रेणुका राय स्वतंत्रता सेनानी, लोकसभा सांसद और समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़ी थीं। उन्हें 1988 में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
- रेणुका राय आईसीएस अधिकारी संतीष चंद्र मुखर्जी और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की सदस्य चारूलता मुखर्जी की बेटी थीं।
- वे पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य और मंत्री भी रहीं।
- उन्होंने ही बंगाल में 'अखिल बंगाल महिला संघ' और 'महिला समन्वयक परिषद' का गठन किया था।
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से रेणुका राय ने बी.ए. की पढ़ाई पूरी की।
- साल 1934 में, एआईडब्ल्यूसी के कानूनी सचिव के रूप में उन्होंने ‘भारत में महिलाओं की कानूनी विकलांगता’ नामक एक दस्तावेज़ प्रस्तुत किया।
- रेणुका राय ने एक समान व्यक्तिगत कानून कोड के लिए तर्क दिया और कहा कि भारतीय महिलाओं की स्थिति दुनिया में सबसे अन्यायपूर्ण में से एक थी।
- 1943 से साल 1946 तक वह केन्द्रीय विधान सभा, संविधान सभा और अनंतिम संसद की सदस्य थीं।
- 1952 से 1957 में रेणुका राय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में राहत और पुनर्वास के मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1957 में और फिर 1962 में लोकसभा में मालदा की सदस्य थीं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
- REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी