राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 142: | Line 142: | ||
|- | |- | ||
|27. | |27. | ||
|राजेश रोशन | |[[राजेश रोशन]] | ||
| | | [[चित्र:Rajesh-Roshan.jpg|center|80px|link=राजेश रोशन]] | ||
|[[2010]]-[[2011|11]] | |[[2010]]-[[2011|11]] | ||
|- | |- | ||
|28. | |28. | ||
|हरिहरन | |[[हरिहरन]] | ||
| | | [[चित्र:Hariharan.jpg|center|80px|link=हरिहरन]] | ||
|[[2011]]-[[2012|12]] | |[[2011]]-[[2012|12]] | ||
|- | |- | ||
Line 162: | Line 162: | ||
|- | |- | ||
|31. | |31. | ||
|अनु मलिक | |[[अनु मलिक]] | ||
| | | [[चित्र:Anu-Malik.jpg|center|80px|link=अनु मलिक]] | ||
|[[2015]]-[[2016|16]] | |[[2015]]-[[2016|16]] | ||
|- | |- |
Latest revision as of 09:00, 30 March 2021
राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न कलाओं और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है। इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 15 राष्ट्रीय और 3 राज्यस्तरीय सम्मान प्रदान किए जाते हैं। 'लता मंगेशकर सम्मान' 'सुगम संगीत' के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय अलंकरण है। इस सम्मान से सम्मानित कलाकार को दो लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है।
सम्मान राशि
सुगम संगीत के क्षेत्र में कलात्मक श्रेष्ठता को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से 1984 ई. में 'लता मंगेशकर सम्मान' प्रारम्भ किया गया था। यह सम्मान बारी-बारी से संगीत रचना और गायन के लिए दिया जाता है। सम्मान उत्कृष्टता, दीर्घ-साधाना और श्रेष्ठ उपलब्धि के भरसक निर्विवाद मानदंडों के आधार पर सुगम संगीत के क्षेत्र में देश की किसी भी भाषा के गायक अथवा संगीतकार को उसके सम्पूर्ण कृतित्व पर दिया जाता है, न कि किसी एक कृति के आधार पर। सम्मान केवल सृजनात्मक कार्य के लिए है। शोध अथवा अकादमिक कार्य के लिए नहीं है। सम्मान के लिये चुने जाने के समय कलाकार का सृजन-सक्रिय होना आवश्यक है।
चयन प्रक्रिया
संस्कृति विभाग देशभर के सुगम संगीत के क्षेत्र में संबंधित कलाकारों, विशेषज्ञों, संस्थाओं तथा समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों के माध्यम से पाठकों एवं कला रसिकों को नामांकन एवं अनुशंसा के लिए निर्धारित प्रपत्र जारी करता है। प्राप्त नामांकन संस्कृति विभाग द्वारा गठित निर्णायक समिति के समक्ष अंतिम निर्णय के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं। इस समिति में राष्ट्रीय ख्याति के कलाकार, विद्वान् और कला-मर्मज्ञ होते हैं। यह समिति, प्राप्त नामांकनों और अनुशंसाओं पर विचार करती है। समिति को स्वतंत्रता होती है कि यदि आवश्यक समझे तो वे नाम भी इसमें जोड़ ले, जो समिति की दृष्टि में विचारयोग्य हों। निर्णायक समिति की अनुशंसा को शासन ने अपने लिए बंधनकारी माना है और सदैव निरपवाद रूप से इसका पालन किया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख