नारायण चक्रवर्ती: Difference between revisions

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'''डॉ. नारायण चक्रवर्ती''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Narayan Chakraborty'') भारतीय पर्यावरणविद्, शोधकर्ता और शिक्षक हैं। वह इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि उन्हें आर्सेनिक विषाक्तता पर शोध के लिए [[पद्म श्री]] ([[2024]]) से सम्मानित किया गया है। नारायण चक्रवर्ती की पहचान विशेष रूप से ग्रामीण [[बंगाल]] में आर्सेनिक विषाक्तता पर उनके अभूतपूर्व शोध से उत्पन्न हुई है। उनके अथक प्रयासों ने न केवल इस शांत पर्यावरणीय चिंता पर प्रकाश डाला गया है, बल्कि इसका मुकाबला करने की दिशा में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई है। इसीलिए उनका पद्म श्री सम्मान पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उसमें उनकी उपलब्धियों का एक योग्य प्रमाण है।<ref name="pp">{{cite web |url= https://thesportsgrail.com/who-is-padma-shri-dr-narayan-chakraborty-biography-education-career-and-profile/|title=पद्मश्री डॉ. नारायण चक्रवर्ती कौन हैं, जीवनी, शिक्षा, करियर और प्रोफ़ाइल|accessmonthday=01 मार्च|accessyear=2024 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=thesportsgrail.com |language=हिंदी}}</ref>
'''डॉ. नारायण चक्रवर्ती''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Narayan Chakraborty'') भारतीय पर्यावरणविद्, शोधकर्ता और शिक्षक हैं। वह इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि उन्हें आर्सेनिक विषाक्तता पर शोध के लिए [[पद्म श्री]] ([[2024]]) से सम्मानित किया गया है। नारायण चक्रवर्ती की पहचान विशेष रूप से ग्रामीण [[बंगाल]] में आर्सेनिक विषाक्तता पर उनके अभूतपूर्व शोध से उत्पन्न हुई है। उनके अथक प्रयासों ने न केवल इस शांत पर्यावरणीय चिंता पर प्रकाश डाला गया है, बल्कि इसका मुकाबला करने की दिशा में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई है। इसीलिए उनका पद्म श्री सम्मान पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उसमें उनकी उपलब्धियों का एक योग्य प्रमाण है।<ref name="pp">{{cite web |url= https://thesportsgrail.com/who-is-padma-shri-dr-narayan-chakraborty-biography-education-career-and-profile/|title=पद्मश्री डॉ. नारायण चक्रवर्ती कौन हैं, जीवनी, शिक्षा, करियर और प्रोफ़ाइल|accessmonthday=01 मार्च|accessyear=2024 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=thesportsgrail.com |language=हिंदी}}</ref>



Latest revision as of 09:22, 7 March 2024

thumb|250px|डॉ. नारायण चक्रवर्ती डॉ. नारायण चक्रवर्ती (अंग्रेज़ी: Dr. Narayan Chakraborty) भारतीय पर्यावरणविद्, शोधकर्ता और शिक्षक हैं। वह इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि उन्हें आर्सेनिक विषाक्तता पर शोध के लिए पद्म श्री (2024) से सम्मानित किया गया है। नारायण चक्रवर्ती की पहचान विशेष रूप से ग्रामीण बंगाल में आर्सेनिक विषाक्तता पर उनके अभूतपूर्व शोध से उत्पन्न हुई है। उनके अथक प्रयासों ने न केवल इस शांत पर्यावरणीय चिंता पर प्रकाश डाला गया है, बल्कि इसका मुकाबला करने की दिशा में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई है। इसीलिए उनका पद्म श्री सम्मान पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उसमें उनकी उपलब्धियों का एक योग्य प्रमाण है।[1]

  • अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने और स्नातक करने के बाद नारायण चक्रवर्ती ने जादवपुर विश्वविद्यालय से बीएस की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने पीएच.डी. भी प्राप्त की। उसी संस्थान से रसायन विज्ञान में डिग्री ली।
  • नारायण चक्रवर्ती ने 'पश्चिम बंगाल बायोटेक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन' में निदेशक और वैज्ञानिक सलाहकार और कोलकाता के मौलाना आज़ाद कॉलेज में जूलॉजी के स्नातकोत्तर विभाग में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया।
  • आर्सेनिक विषाक्तता के क्षेत्र में उनका काम आर्सेनिक विषाक्तता को ठीक करने और कम करने के लिए रचनात्मक समाधान और पुनर्योजी दवा खोजने पर केंद्रित है।
  • आर्सेनिक विषाक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा उनके काम ने व्यावहारिक और महत्वपूर्ण जवाबी उपाय तैयार किए हैं।
  • यूनिसेफ और भारत सरकार की कई पहलों में एक वक्ता और संसाधन के रूप में नारायण चक्रवर्ती की भागीदारी क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ के रूप में उनके कद को उजागर करती है।
  • उन्होंने अभूतपूर्व पुस्तक "आर्सेनिक विषाक्तता: रोकथाम और उपचार" लिखी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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