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इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा [[मसाले]] के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की आती है- हरी या छोटी इलायची तथा बड़ी इलायची। जहाँ बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। <ref>{{cite web |url=http://hi.shvoong.com/medicine-and-health/diet-and-exercise/2026546-%E0%A4%87%E0%A4%B2-%E0%A4%AF%E0%A4%9A-%E0%A4%B8-%E0%A4%B5-%E0%A4%A6/ |title=इलायची : स्वाद और सेहत की साथी |accessmonthday=[[25 जनवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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==इलायची के लाभ==
*छिलके सहित इलायची को आग में जलाकर राख कर लें। इस राख को शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी होना बंद होती है।
*हरी इलायची 10 ग्राम, सौंफ 20 ग्राम, मिश्री 40 ग्राम तीनों को (इलायची छिलके सहित) महीन पीसकर मिला लें। प्रातः एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है व हृदय को बल मिलता है।
*छिलके सहित छोटी इलायची, [[सौंठ]], [[कालीमिर्च]] और [[दालचीनी]] समभाग लेकर पीस लें और महीन चूर्ण बना लें। [[चाय]] बनाते समय खौलते पानी में यह चूर्ण एक चुटकी भर डालकर चाय बनाइए। बड़ी स्वादिष्ट चाय बनेगी।
*लौंग, सौंफ, छोटी इलायची, जरा-सा खोपरा समभाग लेकर कूट-पीस लें। इसे मुँह में रखने से मुख शुद्ध और दाँत मज़बूत होते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.labhlakshmi.com/ayurved-and-home-remedies/%E0%A4%87%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%9A%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD.htm |title=इलायची के लाभ |accessmonthday=[[25 जनवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= (एच टी एम एल)|publisher= |language=[[हिन्दी]] }}</ref>


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thumb|इलायची इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की आती है-

  1. हरी या छोटी इलायची -हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है।
  2. बड़ी इलायची-बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है। [1]

इलायची के लाभ

  • छिलके सहित इलायची को आग में जलाकर राख कर लें। इस राख को शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी होना बंद होती है।
  • हरी इलायची 10 ग्राम, सौंफ 20 ग्राम, मिश्री 40 ग्राम तीनों को (इलायची छिलके सहित) महीन पीसकर मिला लें। प्रातः एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है व हृदय को बल मिलता है।
  • छिलके सहित छोटी इलायची, सौंठ, कालीमिर्च और दालचीनी समभाग लेकर पीस लें और महीन चूर्ण बना लें। चाय बनाते समय खौलते पानी में यह चूर्ण एक चुटकी भर डालकर चाय बनाइए। बड़ी स्वादिष्ट चाय बनेगी।
  • लौंग, सौंफ, छोटी इलायची, जरा-सा खोपरा समभाग लेकर कूट-पीस लें। इसे मुँह में रखने से मुख शुद्ध और दाँत मज़बूत होते हैं।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. इलायची : स्वाद और सेहत की साथी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2011
  2. इलायची के लाभ (हिन्दी) ((एच टी एम एल))। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2011

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