मिज़ोरम की संस्कृति: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
मिज़ो के सांस्कृतिक जीवन में नृत्य और [[संगीत]] मूल तत्त्व हैं। यहाँ के त्योहारों में ईसाई धर्म के पर्व और स्थानीय कृषि त्योहार (मिज़ो में पर्व को कुट कहते हैं), जैसे चपचारकुट, पाल कुट और मिमकुट शामिल हैं। आईजोल में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय का परिसर स्थित है।
[[चित्र:View-of-Mizoram-2.jpg|thumb|250px|मिज़ोरम का एक दृश्य]]
;त्‍योहार  
[[मिज़ोरम|मिज़ो]] के सांस्कृतिक जीवन में नृत्य और [[संगीत]] मूल तत्त्व हैं। यहाँ के त्योहारों में [[ईसाई धर्म]] के पर्व और स्थानीय कृषि त्योहार (मिज़ो में पर्व को कुट कहते हैं), जैसे चपचारकुट, पाल कुट और मिमकुट शामिल हैं। आइज़ोल में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय का परिसर स्थित है।
====भाषा====
{{tocright}}
*मिज़ो तथा [[अंग्रेजी]] यहाँ की प्रमुख व राजकीय भाषाएँ हैं; अपनी लिपि न होने के कारण [[मिज़ो भाषा]] के लिए रोमन लिपि का उपयोग होता है।
*'मिज़ो’ शब्‍द की उत्पत्ति के बारे में ठीक से ज्ञात नहीं है।
*19 वीं शताब्‍दी में यहाँ ब्रिटिश मिशनरियों का प्रभाव फैल गया और इस समय अधिकांश मिज़ो नागरिक ईसाई धर्म को ही मानते हैं।
*मिज़ो भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है। मिशनरियों ने मिज़ो भाषा और औपचारिक शिक्षा के लिए 'रोमन लिपि' को अपनाया।
====धर्म====
1890 के दशक में आरंभ हुए धर्मपरिवर्तन (हालांकि 1920 और 1930 के दशक में अधिकांश परिवर्तन हुए) के कारण लगभग 85.57 प्रतिशत जनता अब ईसाई धर्म का पालन करती है; इनमें अधिकांश प्रोटेस्टेंट हैं। राज्य में [[हिन्दू]] (5 प्रतिशत) और और [[बौद्ध]] (7.83 प्रतिशत) अल्पसंख्यक भी है।
*राज्य की लगभग की अधिकतर जनसंख्या [[ईसाई धर्म]] को मानती है और इनमे से अधिकतर प्रेसबिटेरियन और बैप्टिस्ट हैं। 
*चकमा जाति के लोग थेरावाद बौद्ध हैं।
*राज्य में हिंदू और मुस्लिमों की संख्या लगभग ना के बराबर है।
====जनजीवन====
मिज़ोरम की आबादी विभिन्न समूहों के मेल से बनी है, जिन्हें आमतौर पर मिज़ो कहते हैं, स्थानीय भाषा में जिसका अर्थ उच्च भूमि के निवासी है। इस क्षेत्र की जनजातियों, जिनमें से कई पहले मनुष्यों का शिकार करती थीं, में कूकी, पावी, लखेर और चकमा शामिल हैं। इन्हें तिब्बती-बर्मी लोगों के वर्ग में रखा गया है और ये कई तिब्बती-बर्मी बोलियों का उपयोग करते हैं; कुछ जनजातियाँ इतनी अलग-थलग हैं कि उनकी बोली पड़ोसी घाटी में रहने वालों को भी समझ में नहीं आती है। जनसंख्या का घनत्व 42 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। उत्तर से दक्षिण की ओर घनत्व कम होता जाता है, क्योंकि दक्षिण की ओर आर्द्रता तथा [[तापमान]] में वृद्धि होती जाती है, जो निवास के लिए अनुपयुक्त स्थिति है। पश्चिम से पूर्व की ओर भी घनत्व में कमी आती है। इस क्षेत्र में 22 शहर और 699 गांव हैं, जिनमें से 663 तक बिजली पहुँच गई है। लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है।
====त्‍योहार====
*मिज़ो नागरिक (मिज़ोरम) मूलत: किसान हैं।  
*मिज़ो नागरिक (मिज़ोरम) मूलत: किसान हैं।  
*अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्‍योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं।  
*अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्‍योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं।  
*त्‍योहार के लिए मिज़ो शब्‍द ‘कुट’ है।  
*त्‍योहार के लिए मिज़ो शब्‍द ‘कुट’ है।  
*मिज़ो लोगों के वि‍भिन्‍न त्‍योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्‍य त्‍योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं।  
*मिज़ो लोगों के वि‍भिन्‍न त्‍योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्‍य त्‍योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं।  
 
====जनजातियाँ====
{{प्रचार}}
मिज़ोरम की अधिकतर जनसंख्या मिज़ो नागरिकों की है। मिज़ो कई प्रजातियों में बँटे हुए हैं। जो मिज़ो/लुशाई, म्हार, पोई, कमा, राल्ते, पोवाई, [[कुकी जनजाति|कुकी]], है। इनमें लुशाई जाति के नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है, जोकि राज्य की कुल जनसंख्या के दो तिहाई भाग से अधिक है। अन्य प्रमुख प्रजातियों में राल्ते, म्हार, कमा, पोई और पोवाई हैं। गैर मिज़ो प्रजातियों में सबसे प्रमुख [[चकमा (जाति)|चकमा जाति]] के लोग हैं।
 
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  
|आधार=
|आधार=

Latest revision as of 07:18, 11 June 2014

thumb|250px|मिज़ोरम का एक दृश्य मिज़ो के सांस्कृतिक जीवन में नृत्य और संगीत मूल तत्त्व हैं। यहाँ के त्योहारों में ईसाई धर्म के पर्व और स्थानीय कृषि त्योहार (मिज़ो में पर्व को कुट कहते हैं), जैसे चपचारकुट, पाल कुट और मिमकुट शामिल हैं। आइज़ोल में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय का परिसर स्थित है।

भाषा

  • मिज़ो तथा अंग्रेजी यहाँ की प्रमुख व राजकीय भाषाएँ हैं; अपनी लिपि न होने के कारण मिज़ो भाषा के लिए रोमन लिपि का उपयोग होता है।
  • 'मिज़ो’ शब्‍द की उत्पत्ति के बारे में ठीक से ज्ञात नहीं है।
  • 19 वीं शताब्‍दी में यहाँ ब्रिटिश मिशनरियों का प्रभाव फैल गया और इस समय अधिकांश मिज़ो नागरिक ईसाई धर्म को ही मानते हैं।
  • मिज़ो भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है। मिशनरियों ने मिज़ो भाषा और औपचारिक शिक्षा के लिए 'रोमन लिपि' को अपनाया।

धर्म

1890 के दशक में आरंभ हुए धर्मपरिवर्तन (हालांकि 1920 और 1930 के दशक में अधिकांश परिवर्तन हुए) के कारण लगभग 85.57 प्रतिशत जनता अब ईसाई धर्म का पालन करती है; इनमें अधिकांश प्रोटेस्टेंट हैं। राज्य में हिन्दू (5 प्रतिशत) और और बौद्ध (7.83 प्रतिशत) अल्पसंख्यक भी है।

  • राज्य की लगभग की अधिकतर जनसंख्या ईसाई धर्म को मानती है और इनमे से अधिकतर प्रेसबिटेरियन और बैप्टिस्ट हैं।
  • चकमा जाति के लोग थेरावाद बौद्ध हैं।
  • राज्य में हिंदू और मुस्लिमों की संख्या लगभग ना के बराबर है।

जनजीवन

मिज़ोरम की आबादी विभिन्न समूहों के मेल से बनी है, जिन्हें आमतौर पर मिज़ो कहते हैं, स्थानीय भाषा में जिसका अर्थ उच्च भूमि के निवासी है। इस क्षेत्र की जनजातियों, जिनमें से कई पहले मनुष्यों का शिकार करती थीं, में कूकी, पावी, लखेर और चकमा शामिल हैं। इन्हें तिब्बती-बर्मी लोगों के वर्ग में रखा गया है और ये कई तिब्बती-बर्मी बोलियों का उपयोग करते हैं; कुछ जनजातियाँ इतनी अलग-थलग हैं कि उनकी बोली पड़ोसी घाटी में रहने वालों को भी समझ में नहीं आती है। जनसंख्या का घनत्व 42 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। उत्तर से दक्षिण की ओर घनत्व कम होता जाता है, क्योंकि दक्षिण की ओर आर्द्रता तथा तापमान में वृद्धि होती जाती है, जो निवास के लिए अनुपयुक्त स्थिति है। पश्चिम से पूर्व की ओर भी घनत्व में कमी आती है। इस क्षेत्र में 22 शहर और 699 गांव हैं, जिनमें से 663 तक बिजली पहुँच गई है। लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है।

त्‍योहार

  • मिज़ो नागरिक (मिज़ोरम) मूलत: किसान हैं।
  • अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्‍योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं।
  • त्‍योहार के लिए मिज़ो शब्‍द ‘कुट’ है।
  • मिज़ो लोगों के वि‍भिन्‍न त्‍योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्‍य त्‍योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं।

जनजातियाँ

मिज़ोरम की अधिकतर जनसंख्या मिज़ो नागरिकों की है। मिज़ो कई प्रजातियों में बँटे हुए हैं। जो मिज़ो/लुशाई, म्हार, पोई, कमा, राल्ते, पोवाई, कुकी, है। इनमें लुशाई जाति के नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है, जोकि राज्य की कुल जनसंख्या के दो तिहाई भाग से अधिक है। अन्य प्रमुख प्रजातियों में राल्ते, म्हार, कमा, पोई और पोवाई हैं। गैर मिज़ो प्रजातियों में सबसे प्रमुख चकमा जाति के लोग हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख