सद्र-उस-सदुर: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:43, 9 January 2020
सद्र-उस-सदुर पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल में यह धर्म विभाग एवं दान विभाग का प्रमुख होता था। राज्य का प्रधान क़ाज़ी एवं सद्र-उस-सदुर प्रायः एक ही व्यक्ति को दिया जाता था। मुसलमान प्रजा से लिए जाने वाला कर ‘ज़कात’ पर इस अधिकारी का अधिकार होता था। यह मस्जिदों, मक्तबों एवं मदरसों के निर्माण के लिए धन मुहैया कराता था।
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