नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Nokrek-National-Park.jpg|thumb|250px|नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान, [[मेघालय]]]] | |||
'''नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान''' [[मेघालय]] के [[पश्चिम गारो हिल्स ज़िला|पश्चिमी गारो हिल्स ज़िले]] में बायोस्फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है। | '''नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान''' [[मेघालय]] के [[पश्चिम गारो हिल्स ज़िला|पश्चिमी गारो हिल्स ज़िले]] में बायोस्फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है। | ||
*नोकरेक गारों पहाडियों | *नोकरेक गारों पहाडियों का सबसे ऊँचा बिन्दु है और यहाँ [[हाथी]] तथा हू लॉक गिब्बन सहित अनेक प्रकार की वन्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं। | ||
*नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान में सिट्रस इंडिका की अत्यंत दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती है जिसका नाम है मेमांग नारंग। | *नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान में सिट्रस इंडिका की अत्यंत दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती है जिसका नाम है मेमांग नारंग। | ||
*नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी। | *नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी। | ||
Line 18: | Line 18: | ||
[[Category:गणराज्य संरचना कोश]] | [[Category:गणराज्य संरचना कोश]] | ||
[[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:पर्यटन कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 16:15, 10 January 2012
[[चित्र:Nokrek-National-Park.jpg|thumb|250px|नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान, मेघालय]] नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स ज़िले में बायोस्फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है।
- नोकरेक गारों पहाडियों का सबसे ऊँचा बिन्दु है और यहाँ हाथी तथा हू लॉक गिब्बन सहित अनेक प्रकार की वन्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान में सिट्रस इंडिका की अत्यंत दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती है जिसका नाम है मेमांग नारंग।
- नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी।
- नोकरेक को जंगली मनुष्य का घर माना जाता है और नोकरेक के गांव के आस पास इन्हें देखे जाने के मामले बताए गए हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख