आजु नाथ एक व्रत -विद्यापति: Difference between revisions
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सदा सोच मोहि होत कवन विधि बांचव हे । | सदा सोच मोहि होत कवन विधि बांचव हे । | ||
जे जे सोच मोहि होत कहा समुझाएव हे । | जे जे सोच मोहि होत कहा समुझाएव हे । | ||
रउरा | रउरा जगत् के नाथ कवन सोच लागएव हे । | ||
नाग ससरि भूमि खसत पुहुमि लोटायत हे । | नाग ससरि भूमि खसत पुहुमि लोटायत हे । | ||
कार्तिक पोसल मजूर सेहो धरि खायत हे । | कार्तिक पोसल मजूर सेहो धरि खायत हे । | ||
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होत बघम्बर बाघ बसहा धरि खायत हे । | होत बघम्बर बाघ बसहा धरि खायत हे । | ||
टूटी खसत रुदराछ मसान जगावत हे । | टूटी खसत रुदराछ मसान जगावत हे । | ||
गौरी कहँ | गौरी कहँ दु:ख होत विद्यापति गावत हे । | ||
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Latest revision as of 13:49, 30 June 2017
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आजु नाथ एक व्रत मोहि सुख लागत हे । |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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