प्रियप्रवास प्रथम सर्ग: Difference between revisions
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तुरत ही अनियंत्रित भाव से॥12॥ | तुरत ही अनियंत्रित भाव से॥12॥ | ||
बहु युवा युवती गृह-बालिका। | बहु युवा युवती गृह-बालिका। | ||
विपुल-बालक वृद्ध | विपुल-बालक वृद्ध वयस्क भी। | ||
विवश से निकले निज गेह से। | विवश से निकले निज गेह से। | ||
स्वदृग का दुख-मोचन के लिए॥13॥ | स्वदृग का दुख-मोचन के लिए॥13॥ | ||
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समद थी जन – मानस मोहती। | समद थी जन – मानस मोहती। | ||
कमल – लोचन की कमनीयता॥22॥ | कमल – लोचन की कमनीयता॥22॥ | ||
सबल-जानु | सबल-जानु विलम्बित बाहु थी। | ||
अति – सुपुष्ट – समुन्नत वक्ष था। | अति – सुपुष्ट – समुन्नत वक्ष था। | ||
वय-किशोर-कला लसितांग था। | वय-किशोर-कला लसितांग था। |
Latest revision as of 09:07, 10 February 2021
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दिवस का अवसान समीप था। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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