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टोंक शहर, पूर्वी [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[बनास नदी]] के ठीक दक्षिण में स्थित है। भूतपूर्व टोंक रियासत की राजधानी रह चुके इस शहर की स्थापना 1643 में हुई थी और यह छोटी पर्वत शृंखला की ढलानों पर अवस्थित है। इसके ठीक दक्षिण में क़िला और नए बसे क्षेत्र हैं। आसपास का क्षेत्र मुख्यत: खुला और समतल है, जिसमें बिखरी हुई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं। यहाँ मुर्ग़ीपालन व मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक व बेरिलियम का खनन होता है। भूतपूर्व टोंक रियासत में राजस्थान एवं मध्य भारत के छह अलग-अलग क्षेत्र आते थे, जिन्हें पठान सरदार अमीर ख़ाँ ने 1798 से 1817 के बीच हासिल किया था। [[1948]] में यह राजस्थान राज्य का अंग बना।
टोंक शहर, पूर्वी [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[बनास नदी]] के ठीक दक्षिण में स्थित है। भूतपूर्व टोंक रियासत की राजधानी रह चुके इस शहर की स्थापना 1643 में हुई थी और यह छोटी पर्वत श्रृंखला की ढलानों पर अवस्थित है। इसके ठीक दक्षिण में क़िला और नए बसे क्षेत्र हैं। आसपास का क्षेत्र मुख्यत: खुला और समतल है, जिसमें बिखरी हुई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं। यहाँ मुर्ग़ीपालन व मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक व बेरिलियम का खनन होता है। भूतपूर्व टोंक रियासत में राजस्थान एवं मध्य भारत के छह अलग-अलग क्षेत्र आते थे, जिन्हें पठान सरदार अमीर ख़ाँ ने 1798 से 1817 के बीच हासिल किया था। [[1948]] में यह राजस्थान राज्य का अंग बना।
==कृषि और खनिज==
==कृषि और खनिज==
टोंक इस क्षेत्र का प्रमुख कृषि बाज़ार एवं निर्माण केंद्र है। ज्वार, गेहूं, चना, मक्का, कपास और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।
टोंक इस क्षेत्र का प्रमुख कृषि बाज़ार एवं निर्माण केंद्र है। ज्वार, गेहूं, चना, मक्का, कपास और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।

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thumb|250px|टोंक का एक दृश्य टोंक शहर, पूर्वी राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। यह बनास नदी के ठीक दक्षिण में स्थित है। भूतपूर्व टोंक रियासत की राजधानी रह चुके इस शहर की स्थापना 1643 में हुई थी और यह छोटी पर्वत श्रृंखला की ढलानों पर अवस्थित है। इसके ठीक दक्षिण में क़िला और नए बसे क्षेत्र हैं। आसपास का क्षेत्र मुख्यत: खुला और समतल है, जिसमें बिखरी हुई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं। यहाँ मुर्ग़ीपालन व मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक व बेरिलियम का खनन होता है। भूतपूर्व टोंक रियासत में राजस्थान एवं मध्य भारत के छह अलग-अलग क्षेत्र आते थे, जिन्हें पठान सरदार अमीर ख़ाँ ने 1798 से 1817 के बीच हासिल किया था। 1948 में यह राजस्थान राज्य का अंग बना।

कृषि और खनिज

टोंक इस क्षेत्र का प्रमुख कृषि बाज़ार एवं निर्माण केंद्र है। ज्वार, गेहूं, चना, मक्का, कपास और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।

उद्योग और व्यापार

सूती वस्त्र बुनाई, चर्मशोधन और नमदा बनाने की हस्तकला यहाँ के मुख्य उद्योग हैं।

शिक्षण संस्थान

इस शहर में कई अस्पताल और उद्यान तथा राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार टोंक शहर की कुल जनसंख्या 1,35,663 है; और टोंक ज़िले की कुल जनसंख्या 12,11,343 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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