इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "छः" to "छह") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 23: | Line 23: | ||
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का एक दक्षिण क्षेत्रीय केंद्र है जिसका मुख्यालय [[बंगलौर]] में है। जिसकी स्थापना [[2001]] में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिणी क्षेत्र की कला और सांस्कृतिक विरासत से संबंधित गहन अध्ययन करना है। | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का एक दक्षिण क्षेत्रीय केंद्र है जिसका मुख्यालय [[बंगलौर]] में है। जिसकी स्थापना [[2001]] में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिणी क्षेत्र की कला और सांस्कृतिक विरासत से संबंधित गहन अध्ययन करना है। | ||
==इकाइयाँ== | ==इकाइयाँ== | ||
इस केंद्र की | इस केंद्र की छह कार्यात्मक इकाइयाँ हैं- | ||
# कलानिधि : यह एक विविध-रूप पुस्तकालय है। | # कलानिधि : यह एक विविध-रूप पुस्तकालय है। | ||
# कलाकोश : इसका प्रमुख कार्य विशेषतया संस्कृत के मूल पाठ के अध्ययन और प्रकाशन से संबंधित है। | # कलाकोश : इसका प्रमुख कार्य विशेषतया संस्कृत के मूल पाठ के अध्ययन और प्रकाशन से संबंधित है। | ||
Line 44: | Line 44: | ||
#विशेष रूप से भारतीय परिप्रेक्ष्य के अनुकूल कला अनुसंधान मॉडलों का विकास करना। | #विशेष रूप से भारतीय परिप्रेक्ष्य के अनुकूल कला अनुसंधान मॉडलों का विकास करना। | ||
;अन्य उपाय | ;अन्य उपाय | ||
जनजातीय, ग्रामीण, शहरी, मार्गी और देशी, चिरकालिक साहित्य ( | जनजातीय, ग्रामीण, शहरी, मार्गी और देशी, चिरकालिक साहित्य (अवरुद्ध) लोकशास्त्रीय और अनेक (धारा प्रवाह) मौखिक परम्पराएं आदि से सम्बंधित कलाओं तथा अन्य कलाओं के मध्य आपसी सम्बंधों का अध्ययन क्षेत्रों, विचारधाराओं, दर्शन, विज्ञान, प्रौद्योगिक तथा सामाजिक वर्गों में एक- दूसरे के प्रति आपसी सूझ-बूझ बढ़ाने के उपाय भी करेगा। | ||
Latest revision as of 11:56, 9 February 2021
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र
| |
अन्य नाम | आई.जी.सी.एन.ए अथवा IGCNA |
उद्देश्य | कला सामग्री और विशष रूप से लिखित, मौखिक, श्रव्य, दृश्य, चित्र इत्यादि मूल कला सामग्री के संसाधन के रूप में कार्य करना। |
स्थापना | 1987 |
मुख्यालय | बंगलौर |
अन्य जानकारी | इस राष्ट्रीय कला केन्द्र में विभिन्न कलाओं के आपसी सम्बन्धों पर अध्ययन करने की योजना है। इसके अतिरिक्त केन्द्र में प्रकृति, वातावरण, मानव की प्रतिदिन की जीवनचर्या, विश्व और यहां तक कि समग्र ब्रह्माण्ड और कलाओं के सम्बन्धों पर भी अंवेषण- अध्ययन शुरू करने की योजना है। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र कलाओं के क्षेत्र में शोध और शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रसार का केंद्र है। भारत सरकार के 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' के 'कला विभाग' को नई दिल्ली में 'इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र' स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है।
स्थापना
इसकी स्थापना भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय के रूप में सन 1987 में की गई थी। यह केंद्र 'कला' के एक ऐसे व्यापक प्रतिबिंब के रूप में पहचाना जाता है जिसमें पुरातत्त्व से लेकर नृत्य और मानव विज्ञान से लेकर छायाचित्रण तक का, पूरक तथा अनंत दृश्य के रूप में समावेश हो।
मुख्यालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का एक दक्षिण क्षेत्रीय केंद्र है जिसका मुख्यालय बंगलौर में है। जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिणी क्षेत्र की कला और सांस्कृतिक विरासत से संबंधित गहन अध्ययन करना है।
इकाइयाँ
इस केंद्र की छह कार्यात्मक इकाइयाँ हैं-
- कलानिधि : यह एक विविध-रूप पुस्तकालय है।
- कलाकोश : इसका प्रमुख कार्य विशेषतया संस्कृत के मूल पाठ के अध्ययन और प्रकाशन से संबंधित है।
- जनपद संपदा : यह प्रभाग जीवन-शैली से जुड़े अध्ययन का कार्य करता है।
- कला दर्शन : इस इकाई का कार्य इस केंद्र द्वारा किए गए शोध कार्यों और अध्ययन को प्रदर्शनियों के माध्यम से दृश्य रूप में परिवर्तित करना है।
- सांस्कृतिक सूचना-विज्ञान प्रयोगशाला : यह इकाई सांस्कृतिक परिक्षण तथा प्रचार के लिए प्रौद्योगिकीय साधनों का प्रयोग करती है।
- सूत्रधार : यह प्रशासनिक अनुभाग है जो सभी गतिविधियों में सहायता तथा समन्वय स्थापित करता है। सदस्य सचिव, शैक्षिक और प्रशासनिक प्रभागों के कार्यपालक प्रधान होते हैं।
योजना
इस राष्ट्रीय कला केन्द्र में विभिन्न कलाओं के आपसी सम्बन्धों पर अध्ययन करने की योजना है। इसके अतिरिक्त केन्द्र में प्रकृति, वातावरण, मानव की प्रतिदिन की जीवनचर्या, विश्व और यहां तक कि समग्र ब्रह्माण्ड और कलाओं के सम्बन्धों पर भी अंवेषण- अध्ययन शुरू करने की योजना है।
- केंद्र
इस राष्ट्रीय कला केन्द्र अपने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रकाशनों, प्रचार-प्रसार योजनाओं तथा अन्य रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से कला को समाज के हर वर्ग और देश के हर क्षेत्र की जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाने के उपाय करेगा।
- प्रथम चरण
प्रथम चरण में केन्द्र भारतीय कला और संस्कृति पर ही अधिक ध्यान देगा। बाद में यह अन्य सभ्यताओं तथा संस्कृतियों और विशेष रूप से द. एशिया, द.पू. एशिया, प. एशिया, अफ्रीका, द. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उ. अमेरिका इत्यादि की सभ्यताओं और संस्कृतियों को भी अपने कार्य क्षेत्र में शामिल करेगा।
उद्देश्य
केन्द्र के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- कला सामग्री और विशष रूप से लिखित, मौखिक, श्रव्य, दृश्य, चित्र इत्यादि मूल कला सामग्री के संसाधन के रूप में कार्य करना।
- सन्दर्भ कृतियों, शब्दावलियों, शब्दकोशों, विश्व कोशों इत्यादि पर अनुसंधान करने और उन्हें प्रकाशित करने की योजनाएं शुरू करना।
- सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन के लिए एक 'जनजातीय' तथा 'लोक कला संग्रह' और 'संरक्षण केन्द्र' की स्थापना करना। #वास्तुकला, साहित्य, संगीत, मूर्तिकला, चित्रकारी, फोटोग्राफी, फ़िल्म कला, कुम्हारी, बुनाई और कढ़ाई जैसे विभिन्न कला क्षेत्रों में कार्यक्रम मंचनों, प्रदर्शनियों, बहुमाध्यम प्रचार कार्यक्रमों, सम्मेलनों, गोष्ठियों और कार्यशालाओं के माध्यम से समन्वय स्थापित करना और रचनात्मक तथा विवेचनात्मक विचार-विनिमय के लिए उन्हें एक मंच पर लाना।
- विशेष रूप से भारतीय परिप्रेक्ष्य के अनुकूल कला अनुसंधान मॉडलों का विकास करना।
- अन्य उपाय
जनजातीय, ग्रामीण, शहरी, मार्गी और देशी, चिरकालिक साहित्य (अवरुद्ध) लोकशास्त्रीय और अनेक (धारा प्रवाह) मौखिक परम्पराएं आदि से सम्बंधित कलाओं तथा अन्य कलाओं के मध्य आपसी सम्बंधों का अध्ययन क्षेत्रों, विचारधाराओं, दर्शन, विज्ञान, प्रौद्योगिक तथा सामाजिक वर्गों में एक- दूसरे के प्रति आपसी सूझ-बूझ बढ़ाने के उपाय भी करेगा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख