हिसार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{लेख सूची
[[चित्र:Hisar-Complex.jpg|thumb|250px|हिसार दुर्ग, [[हरियाणा]]]]
|लेख का नाम= हिसार
'''हिसार''' शहर, पश्चिमोत्तर [[हरियाणा]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]], में पश्चिमी यमुना नहर की हांसी शाखा पर स्थित है।
|पर्यटन= हिसार पर्यटन
==इतिहास==
|ज़िला= हिसार ज़िला
|प्रवास= हिसार प्रवास
}}
{{tocright}}
{{tocright}}
हिसार शहर, पश्चिमोत्तर [[हरियाणा]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]], में पश्चिमी यमुना नहर की हांसी शाखा पर स्थित है।
[[तुग़लक़ वंश]] के शासक बादशाह [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] ने सन 1356 ई. में एक दुर्ग के रूप में हिसार की स्थापना की थी। यह शहर बाद में एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया। 18वीं शताब्दी में जनशून्य किए गए इस शहर पर बाद में ब्रिटिश अभियानकर्ता 'जॉर्ज थॉमस' ने क़ब्ज़ा कर लिया। 1867 में हिसार की नगरपालिका का अध्ययन किया गया। यह शहर एक दीवार से घिरा है। जिसमें चार दरवाज़े हैं- नागोरी गेट, मोरी गेट, दिल्ली गेट तथा तलाकी गेट के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ फ़िरोज़ शाह के क़िले व महल के [[अवशेष|अवशेषों]] के साथ-साथ कई प्राचीन मस्जिदें हैं, जिनमें जहाज़ भी एक है, जो अब एक जैन मंदिर है। प्राचीन समय में यह [[हड़प्पा सभ्यता]] का मुख्य केन्द्र था। प्राचीन समय में यहाँ कई आदिवासी जातियाँ रहती थी। इन जातियों में भरत, पुरू, मुजावत्स और महावृष प्रमुख थी।
==इतिहास==
[[तुग़लक़ वंश]] के शासक बादशाह [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] ने सन 1356 ई. में एक दुर्ग के रूप में हिसार की स्थापना की थी। यह शहर बाद में एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया। 18वीं शताब्दी में जनशून्य किए गए इस शहर पर बाद में ब्रिटिश अभियानकर्ता 'जॉर्ज थॉमस' ने क़ब्ज़ा कर लिया। 1867 में हिसार की नगरपालिका का अध्ययन किया गया। यह शहर एक दीवार से घिरा है। जिसमें चार दरवाज़े हैं- नागोरी गेट, मोरी गेट, दिल्ली गेट तथा तलाकी गेट के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ फ़िरोज़ शाह के क़िले व महल के अवशेषों के साथ-साथ कई प्राचीन मस्जिदें हैं, जिनमें जहाज़ भी एक है, जो अब एक जैन मंदिर है। प्राचीन समय में यह [[हड़प्पा सभ्यता]] का मुख्य केन्द्र था। प्राचीन समय में यहाँ कई आदिवासी जातियाँ रहती थी। इन जातियों में भरत, पुरू, मुजावत्स और महावृष प्रमुख थी।


==कृषि और खनिज==
==कृषि और खनिज==
गेहूँ व कपास यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं। अन्य फ़सलों में चना, बाजरा, चावल, सरसों व गन्ना शामिल हैं।  
गेहूँ व कपास यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं। अन्य फ़सलों में चना, बाजरा, [[चावल]], सरसों व [[गन्ना]] शामिल हैं।  
==उद्योग और व्यापार==
==उद्योग और व्यापार==
उद्योगों में कपास की ओटाई, हथकरघा बुनाई और कृषि यंत्रों व सिलाई मशीनों के निर्माण से जुड़े उद्योग शामिल हैं। यहाँ पर कपास, अनाज और तेल के बीजों का बड़ा बाज़ार है। इस बाज़ार के लिए यह बहुत प्रसिद्ध है।
उद्योगों में [[कपास]] की ओटाई, हथकरघा बुनाई और [[कृषि]] यंत्रों व सिलाई मशीनों के निर्माण से जुड़े उद्योग शामिल हैं। यहाँ पर कपास, अनाज और तेल के बीजों का बड़ा बाज़ार है। इस बाज़ार के लिए यह बहुत प्रसिद्ध है।


==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
Line 36: Line 31:
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}}
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}}
{{हरियाणा के नगर}}
{{हरियाणा के नगर}}
[[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:हरियाणा_के_नगर]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:हरियाणा_के_नगर]][[Category: भारत_के_नगर]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 05:23, 24 January 2012

[[चित्र:Hisar-Complex.jpg|thumb|250px|हिसार दुर्ग, हरियाणा]] हिसार शहर, पश्चिमोत्तर हरियाणा राज्य, पश्चिमोत्तर भारत, में पश्चिमी यमुना नहर की हांसी शाखा पर स्थित है।

इतिहास

तुग़लक़ वंश के शासक बादशाह फ़िरोज़ शाह तुग़लक ने सन 1356 ई. में एक दुर्ग के रूप में हिसार की स्थापना की थी। यह शहर बाद में एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया। 18वीं शताब्दी में जनशून्य किए गए इस शहर पर बाद में ब्रिटिश अभियानकर्ता 'जॉर्ज थॉमस' ने क़ब्ज़ा कर लिया। 1867 में हिसार की नगरपालिका का अध्ययन किया गया। यह शहर एक दीवार से घिरा है। जिसमें चार दरवाज़े हैं- नागोरी गेट, मोरी गेट, दिल्ली गेट तथा तलाकी गेट के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ फ़िरोज़ शाह के क़िले व महल के अवशेषों के साथ-साथ कई प्राचीन मस्जिदें हैं, जिनमें जहाज़ भी एक है, जो अब एक जैन मंदिर है। प्राचीन समय में यह हड़प्पा सभ्यता का मुख्य केन्द्र था। प्राचीन समय में यहाँ कई आदिवासी जातियाँ रहती थी। इन जातियों में भरत, पुरू, मुजावत्स और महावृष प्रमुख थी।

कृषि और खनिज

गेहूँ व कपास यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं। अन्य फ़सलों में चना, बाजरा, चावल, सरसों व गन्ना शामिल हैं।

उद्योग और व्यापार

उद्योगों में कपास की ओटाई, हथकरघा बुनाई और कृषि यंत्रों व सिलाई मशीनों के निर्माण से जुड़े उद्योग शामिल हैं। यहाँ पर कपास, अनाज और तेल के बीजों का बड़ा बाज़ार है। इस बाज़ार के लिए यह बहुत प्रसिद्ध है।

यातायात और परिवहन

हिसार शहर एक प्रमुख रेल व सड़क जंक्शन है।

शिक्षण संस्थान

इस शहर में सी.सी. शाहू हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, सी.सी. शाहू प्रबंधन महाविद्यालय, कृषि इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और हिसार गवर्नमेंट कॉलेज व डी.एन. कॉलेज सहित कई महाविद्यालय शामिल हैं।

पर्यटन

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

हरियाणा में स्थित हिसार एक ख़ूबसूरत स्थान है और हिसार पर्यटन का आकर्षक स्‍थल है। पर्यटक यहाँ पर कई ख़ूबसूरत स्थलों की सैर कर सकते हैं। यहाँ पर सम्राट अशोक के काल का एक स्तम्भ, कुषाण वंश के सिक्के व अन्य अवशेष भी मिले हैं। कुल मिलाकर हिसार बहुत ख़ूबसूरत है और पर्यटक यहाँ पर अनेक ख़ूबसूरत स्‍थान देख सकते हैं। पर्यटक स्थलों की सैर के बाद यहाँ पर अनेक ऐतिहासिक इमारतों की यात्रा की जा सकती है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 2,56,810, ज़िले की कुल जनसंख्या 15,36,417 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख