मन्द्र सप्तक: Difference between revisions

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मन्द्र सप्तक [[सप्तक]] का एक प्रकार है। [[मध्य सप्तक]] के पहले का सप्तक मन्द्र सप्तक कहलाता है। यह सप्तक मध्य सप्तक का आधा होता है, अर्थात् मन्द्र सप्तक के प्रत्येक [[स्वर (संगीत)|स्वर]] की आन्दोलन संख्या मध्य सप्तक के उसी स्वर के आन्दोलन संख्या की आधी होगी। उदाहरणार्थ, अगर मध्य सप्तक के प की आन्दोलन संख्या 360 है तो मन्द्र प की 360 की आधी 180 होगी, इसी प्रकार यदि मध्य सप्तक के म की आन्दोलन संख्या 320 है तो मन्द्र म की आन्दोलन संख्या 320 की आधी 160 होगी। मन्द्र सप्तक में भी 7 शुद्ध और 5 विकृत कुल 12 स्वर होते हैं।  
[[मध्य सप्तक]] के पहले का सप्तक मन्द्र सप्तक कहलाता है। यह सप्तक मध्य सप्तक का आधा होता है, अर्थात् मन्द्र सप्तक के प्रत्येक [[स्वर (संगीत)|स्वर]] की आन्दोलन संख्या मध्य सप्तक के उसी स्वर के आन्दोलन संख्या की आधी होगी। उदाहरणार्थ, अगर मध्य सप्तक के प की आन्दोलन संख्या 360 है तो मन्द्र सप्तक के प की 360 की आधी 180 होगी, इसी प्रकार यदि मध्य सप्तक के म की आन्दोलन संख्या 320 है तो मन्द्र सप्तक के म की आन्दोलन संख्या 320 की आधी 160 होगी। मन्द्र सप्तक में भी 7 शुद्ध और 5 विकृत कुल 12 स्वर होते हैं।  


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Latest revision as of 16:43, 8 April 2011

मध्य सप्तक के पहले का सप्तक मन्द्र सप्तक कहलाता है। यह सप्तक मध्य सप्तक का आधा होता है, अर्थात् मन्द्र सप्तक के प्रत्येक स्वर की आन्दोलन संख्या मध्य सप्तक के उसी स्वर के आन्दोलन संख्या की आधी होगी। उदाहरणार्थ, अगर मध्य सप्तक के प की आन्दोलन संख्या 360 है तो मन्द्र सप्तक के प की 360 की आधी 180 होगी, इसी प्रकार यदि मध्य सप्तक के म की आन्दोलन संख्या 320 है तो मन्द्र सप्तक के म की आन्दोलन संख्या 320 की आधी 160 होगी। मन्द्र सप्तक में भी 7 शुद्ध और 5 विकृत कुल 12 स्वर होते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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