हम्मीर रासो: Difference between revisions
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*' | *'प्राकृत पैगलम' में इसके कुछ [[छन्द]] उदाहरण के रुप में दिए गये है। | ||
*इस ग्रन्थ की भाषा [[हम्मीर रासो (महेश)]] के समय के कुछ बाद की लगती है। अतः [[भाषा]] के आधार पर इसे [[हम्मीर रासो (महेश)]] के कुछ बाद का माना जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | *इस ग्रन्थ की भाषा [[हम्मीर रासो (महेश)]] के समय के कुछ बाद की लगती है। अतः [[भाषा]] के आधार पर इसे [[हम्मीर रासो (महेश)]] के कुछ बाद का माना जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
Revision as of 11:04, 3 June 2011
- हम्मीर रासो नामक रचना की कोई मूल प्रति नहीं मिलती है।
- इस रचना के रचयिता शारङ्गधर को माना जाता है।
- यह रचना महेश कवि कृत हम्मीर रासो के बाद की है।
- 'प्राकृत पैगलम' में इसके कुछ छन्द उदाहरण के रुप में दिए गये है।
- इस ग्रन्थ की भाषा हम्मीर रासो (महेश) के समय के कुछ बाद की लगती है। अतः भाषा के आधार पर इसे हम्मीर रासो (महेश) के कुछ बाद का माना जा सकता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।