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'''जज़िया कर / Jazia Tax'''<br />
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इस्लामी शासन काल में जज़िया नाम का एक कर था। जो विशेष रूप से हिन्दुओं को देना होता था। कई बादशाहों ने यह कर समाप्त कर दिया था जिनमें उल्लेखनीय नाम [[अकबर|सम्राट अकबर]] का है। [[औरंगज़ेब]] ने यह कर फिर लागू कर दिया था।
इस्लामी शासन काल में जज़िया नाम का एक कर था। जो विशेष रूप से हिन्दुओं को देना होता था। कई बादशाहों ने यह कर समाप्त कर दिया था जिनमें उल्लेखनीय नाम [[अकबर|सम्राट अकबर]] का है। जब मिर्ज़ा राजा जयसिंह के बाद महाराज यशवंत सिंह का भी देहांत हो गया, तब [[औरंगज़ेब]] ने निरंकुश होकर सन 1679 में फिर से इस कर को लगाया । इस अपमानपूर्ण कर का हिन्दुओं द्वारा विरोध किया गया । [[मेवाड़]] के वृद्ध राणा राजसिंह ने इसके विरोध में औरंगजेब को उपालंभ देते हुए एक पत्र लिखा था, जिसका उल्लेख [[कर्नल टॉड|टॉड]] कृत राजस्थान नामक ग्रंथ में हुआ है ।
 
==बाहरी लिंक==
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[http://www.britannica.com/EBchecked/topic/304125/jizya jizya]
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Revision as of 11:55, 2 May 2010

जज़िया कर / Jazia Tax

इस्लामी शासन काल में जज़िया नाम का एक कर था। जो विशेष रूप से हिन्दुओं को देना होता था। कई बादशाहों ने यह कर समाप्त कर दिया था जिनमें उल्लेखनीय नाम सम्राट अकबर का है। जब मिर्ज़ा राजा जयसिंह के बाद महाराज यशवंत सिंह का भी देहांत हो गया, तब औरंगज़ेब ने निरंकुश होकर सन 1679 में फिर से इस कर को लगाया । इस अपमानपूर्ण कर का हिन्दुओं द्वारा विरोध किया गया । मेवाड़ के वृद्ध राणा राजसिंह ने इसके विरोध में औरंगजेब को उपालंभ देते हुए एक पत्र लिखा था, जिसका उल्लेख टॉड कृत राजस्थान नामक ग्रंथ में हुआ है ।

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