वरदराज पेरुमल मंदिर: Difference between revisions

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'''वरदराज पेरुमल मंदिर''' [[तमिलनाडु]] राज्य के [[कांचीपुरम]] शहर में स्थित [[विष्णु|भगवान विष्णु]] को समर्पित है।  
'''वरदराज पेरुमल मंदिर''' [[तमिलनाडु]] राज्य के [[कांचीपुरम]] शहर में स्थित [[विष्णु|भगवान विष्णु]] को समर्पित है।  
*वरदराज पेरुमल मंदिर को सन् 1053 में [[चोल|चोलों]] ने बनवाया था।
*सन 1053 में [[चोल|चोलों]] ने वरदराज पेरुमल मंदिर को बनवाया था।
*वरदराज पेरुमल मंदिर का पुनरुद्धार  [[कुलोत्तुंग प्रथम]] और [[विक्रम चोल]] ने करवाया था।
*[[कुलोत्तुंग प्रथम]] और [[विक्रम चोल]] ने इस मंदिर का पुनरुद्धार करवाया था।
*वरदराज पेरुमल मंदिर में भगवान विष्णु को देवराजस्वामी के रूप में पूजा जाता है।  
*वरदराज पेरुमल मंदिर में भगवान विष्णु को देवराजस्वामी के रूप में पूजा जाता है।  
*भव्य और विशालकाय वरदराज पेरुमल मंदिर कारीगरों की कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।  
*भव्य और विशालकाय वरदराज पेरुमल मंदिर कारीगरों की कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।  

Latest revision as of 08:04, 24 May 2012

वरदराज पेरुमल मंदिर
वर्णन वरदराज पेरुमल मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर में स्थित है।
स्थान कांचीपुरम
निर्माता चोल, कुलोत्तुंग प्रथम, विक्रम चोल
निर्माण काल सन 1053
देवी-देवता भगवान विष्णु
वास्तुकला द्रविड़
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 12° 49' 9.90", पूर्व- 79° 43' 28.89"
संबंधित लेख एकम्बरनाथर मंदिर, कैलाशनाथार मंदिर, कामाक्षी अम्मान मंदिर, किरीकिरी पक्षी अभयारण्य, बेदानथंगल पक्षी अभयारण्य, बैकुंठ पेरुमल मंदिर
मानचित्र लिंक गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी सालाना रूप से मई-जून में होने वाले गरुड़ोत्सव काफ़ी रंगीन व आकर्षक तरीके से मनाया जाता है, जो हज़ारों श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर खींचता लगता है।
अद्यतन‎

वरदराज पेरुमल मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित है।

  • सन 1053 में चोलों ने वरदराज पेरुमल मंदिर को बनवाया था।
  • कुलोत्तुंग प्रथम और विक्रम चोल ने इस मंदिर का पुनरुद्धार करवाया था।
  • वरदराज पेरुमल मंदिर में भगवान विष्णु को देवराजस्वामी के रूप में पूजा जाता है।
  • भव्य और विशालकाय वरदराज पेरुमल मंदिर कारीगरों की कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • सालाना रूप से मई-जून में होने वाले गरुड़ोत्सव काफ़ी रंगीन व आकर्षक तरीके से मनाया जाता है, जो हज़ारों श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर खींचता है।
  • वरदराज पेरुमल मंदिर में 100 स्तम्भों वाला एक हॉल है जिसे विजयनगर के राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर उस काल के कारीगरों की कला का जीता जागता उदाहरण है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख