नव यौवन अभिरामा -विद्यापति: Difference between revisions

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कि आरे, नव यौवन अभिरामा !
कि आरे, नव यौवन अभिरामा !
जत दखल तत कहहि न पारिअ छलो, अनुपम एक ठामा !
जत दख़ल तत कहहि न पारिअ छलो, अनुपम एक ठामा !


हरिन इन्दु अरविन्द करनी हेम पिक बुझल अनुमानी !
हरिन इन्दु अरविन्द करनी हेम पिक बुझल अनुमानी !

Latest revision as of 12:41, 14 May 2013

नव यौवन अभिरामा -विद्यापति
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

कि आरे, नव यौवन अभिरामा !
जत दख़ल तत कहहि न पारिअ छलो, अनुपम एक ठामा !

हरिन इन्दु अरविन्द करनी हेम पिक बुझल अनुमानी !
नयन बयन परिमल गति तनुरुची ओ गति सुललित बानी !

कुचजुग उपर चिकुर फूजी पसरल ना अरुझाएल हारा !
जनि रे सुमेरु ऊपर मिली उगल चाँद विहीन सबे तारा !

लोल कपोल लुलित मणि - मुंडल अधर बिम्ब अध् जाई !
भजहु भमर नासापुट सुन्दर से देखि कीर लजाई !

भनहिं विद्यापति से वर नागर आन न पाबए कोई !
कंस दलन नारायण सुन्दर तसु रंगीनि पए होई !


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