निर्मम संसार -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध': Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कात्या सिंह (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Ayodhya-Singh-Upad...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "श्रृंगार" to "शृंगार") |
||
Line 36: | Line 36: | ||
उधर रवि आ पसार कर कांत। | उधर रवि आ पसार कर कांत। | ||
उषा का करता है | उषा का करता है शृंगार। | ||
प्रकृति है कितनी करुणा मूर्ति। | प्रकृति है कितनी करुणा मूर्ति। | ||
देख लो कैसा है संसार।।2।। | देख लो कैसा है संसार।।2।। |
Revision as of 13:20, 25 June 2013
| ||||||||||||||||||||
|
वायु के मिस भर भरकर आह। |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख