प्रियप्रवास प्रथम सर्ग: Difference between revisions
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तुरत ही अनियंत्रित भाव से॥12॥ | तुरत ही अनियंत्रित भाव से॥12॥ | ||
बहु युवा युवती गृह-बालिका। | बहु युवा युवती गृह-बालिका। | ||
विपुल-बालक वृद्ध | विपुल-बालक वृद्ध वयस्क भी। | ||
विवश से निकले निज गेह से। | विवश से निकले निज गेह से। | ||
स्वदृग का दुख-मोचन के लिए॥13॥ | स्वदृग का दुख-मोचन के लिए॥13॥ |
Revision as of 10:35, 2 January 2018
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दिवस का अवसान समीप था। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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