आक्रन्द: Difference between revisions

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Revision as of 06:24, 27 July 2010

शब्द संदर्भ
हिन्दी ज़ोर से विलाप, रुदन, ज़ोर की आवाज़, घोष, कोलाहल, शोर
-व्याकरण    [संस्कृतभाषा आ धातु क्रन्द्+घञ्] पुल्लिंग- ऊँचे स्वर से की गयी पुकार
-उदाहरण   हनुमान जी के द्वारा लंका में अपनी पूँछ से आग लगाने के कारण लंका के लोग आक्रन्द करने लगे।
-विशेष    तासाम आक्रन्द शब्देन सहसॊद्गतचेतने
कौसल्या च सुमित्राच तयक्तनिद्रे बभूवतुः [1]
-विलोम   
-पर्यायवाची    आर्तनाद, करुण, पुकार, क्रोश, चिल्लाहट, चीख़, रोना धोना, विलाप, शोर, आडंबर, गर्जन, दहाड़, आवाहन, आराव, आवाज़
संस्कृत आक्रन्दः [आ+क्रन्द्+घञ्] रोना, चिल्लाना, पुकारना, आह्वान करना, शब्द, चिल्लाहट, मित्र रक्षक, भाई, रोने का स्थान
अन्य ग्रंथ वास्तु विचार नारद पुराण में बताया गया है कि घर के छ: भेद होते है,इनमें एक शाला, द्विशाला, त्रिशाला, चतुष्शाला, सप्तशाला और दसशाला है। इन दसों शालाओं में प्रत्येक के १६ भेद होते है। ध्रुव, धान्य, जय, नन्द, खर, कान्त, मनोरम, सुमुख, दिर्मुख, क्रूर, शत्रुद, स्वर्णद, क्षय, आक्रन्द, विपुल और विजय [2]
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

बाहरी कड़ियाँ

  1. The Ramayana In Sanskrit (रामायण) (संस्कृत) (एचटीएम) The Internet Sacred Text Archive। अभिगमन तिथि: 10 जुलाई, 2010।
  2. वास्तु विचार नारद-पुराण से (हिन्दी) Free Astrology। अभिगमन तिथि: 10 जुलाई, 2010।