उपेन्द्रवज्रा छन्द: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:19, 29 October 2017
उपेन्द्रवज्रा एक सम वर्ण वृत्त छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में 11-11 वर्ण होते हैं। इसका लक्षण इस प्रकार से हैं-
उपेन्द्रवज्रा जतजास्ततो गौ।
इसका अर्थ यह है कि उपेन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में 'जगण', 'तगण', 'जगण' और दो गुरु वर्णों के क्रम से वर्ण होते हैं। इसका स्वरूप इस प्रकार होता है-
।ऽ । ऽऽ । ।ऽ । ऽऽ
जगण तगण जगण दो गुरु
- उदाहरण
। ऽ । ऽ ऽ । । ऽ । ऽ ऽ
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव-देव॥
- उपर्युक्त उदाहरण में अंतिम ‘व’ लघु होते हुए भी गुरु माना गया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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